नई दिल्ली: 8 नवंबर 2016 की वो तारीख शायद ही कोई भूल सकता है… और कल के RBI के फैसले ने आम जनता को एक बार फिर नोटबंदी की याद दिला दी है। ये वो दिन था जब देश के इतिहास की सबसे बड़ी नोटबंदी हुई थी। इस फैसले के बाद से देश में हंगामा […]
नई दिल्ली: 8 नवंबर 2016 की वो तारीख शायद ही कोई भूल सकता है… और कल के RBI के फैसले ने आम जनता को एक बार फिर नोटबंदी की याद दिला दी है। ये वो दिन था जब देश के इतिहास की सबसे बड़ी नोटबंदी हुई थी। इस फैसले के बाद से देश में हंगामा मच गया, बैंक शाखाओं के सामने लंबी लाइन लग गईं। ATM खाली थे और घरों में रखे 500 और 1000 रुपए के नोट कागज़ का टुकड़ा मात्र रह गए थे। समय बीतता गया और फिर नए बैंकनोट जारी किए गए।
• 2016 में नोटबंदी को लेकर हंगामा हुआ था। फैसले के कुछ ही घंटों बाद 500 और 1000 के नोट वैलिड नहीं थे। एक समय में एक व्यक्ति ज़्यादा से ज़्यादा 4 हजार ही बदल सकता था।
• नोटबंदी का फैसला काले धन को खत्म करने के लिए लिया गया था, ताकि बर्बाद हुआ पैसा बाहर आ सके। लोगों को सिर्फ 30 दिसंबर 2016 यानी कैश बदलने के लिए करीब 50 दिन का समय दिया गया था।
• केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जो जानकारी दी थी उसमें कहा गया है कि नोटबंदी, जाली नोट, आतंकी फंडिंग और टैक्स चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए बहुत सोच-समझकर कदम उठाया जाएगा।
आपको बता दें, RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने बीते दिन शुक्रवार के दिन बड़ा ऐलान किया। कहा गया कि 2 हजार के नोट अब सर्कुलेशन से बाहर हो जाएंगे। यानी 2016 की नोटबंदी के बाद चल रहा 2,000 रुपये का नोट अब बाजार से गायब हो जाएगा। लेकिन इस बार नोटबंदी रिजर्व बैंक ने अभी तक 2 हजार के नोट को बंद नहीं किया है। यह बाजार में 30 सितंबर तक वैलिड रहेगा और कोई भी इसे लेने से मना नहीं कर पाएगा।
RBI ने 2000 रुपये का नोट वापस ले लिया लेकिन अब सवाल यह है कि क्या 1000 रुपये का नोट फिर से बहाल होगा यानी क्या फिर से 1000 का नोट देखने को मिल सकता है। दरअसल 1000 रुपये का नोट बड़े लेन-देन, बाजार खरीदारी आदि के लिए काफी अच्छा था। फिर जब ये बंद हो गया तो बड़े नोट की जगह 2000 रुपए के नोट ने ले ली, लेकिन कई दिनों तक लोगों में इस 2000 के नए नोट को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति बनी रही।
हकीकत में इसे देश की जनता और मिडिल क्लास की सोच से भी जोड़ा गया है। बचत को लेकर भारतीय हमेशा सावधान रहे हैं। जहां तक 2000 रुपये का सवाल है तो लोगों का मानना है कि इस बड़े नोट के फुटकर होते ही दो हजार की बड़ी रकम खर्च होने की संभावना बढ़ जाती है। 1000 रुपये के नोट के साथ, यह वित्तीय जोखिम आधा हो जाता था।