नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है। इस कदम से यह साफ हो गया है कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) की मांग को सरकार ने नजरअंदाज कर दिया है। अब सरकारी कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा। आइए जानते हैं, यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है और यह NPS और OPS से कितनी अलग है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को NPS में बने रहने या UPS को चुनने का विकल्प मिलेगा। इसके अलावा, राज्य सरकारें भी इस योजना को अपनाने का निर्णय ले सकती हैं। UPS को लागू करने में सरकार को 6250 करोड़ रुपये की लागत आएगी। खास बात यह है कि यह योजना 2004 के बाद NPS के तहत रिटायर हुए कर्मचारियों पर भी लागू होगी, जिससे वे भी इसका लाभ उठा सकते हैं।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम में पेंशन तय होगी। अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल तक सेवा दी है, तो उसे अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल की नौकरी की है, तो उसे 10,000 रुपये की पेंशन मिलेगी। अगर पेंशनभोगी की मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को पेंशन का 60% हिस्सा मिलेगा। इसके अलावा, पेंशन में महंगाई के आधार पर समय-समय पर बढ़ोतरी भी होगी।
पुरानी पेंशन योजना में, रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था। इसके अलावा, 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी और परिवार को पेंशन का लाभ मिलता था। इसमें पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं होती थी और सरकार पेंशन का पूरा बोझ उठाती थी। हालांकि, 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने OPS को बंद कर दिया था, जिससे अब पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली के लिए आंदोलन हो रहे हैं।
नई पेंशन योजना (NPS) में, कर्मचारी के वेतन से 10% कटौती की जाती है और इसे शेयर बाजार में निवेश किया जाता है। इस योजना में पेंशन की राशि तय नहीं होती है, और रिटायरमेंट के समय मिलने वाली राशि बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। इसके अलावा, NPS में जीपीएफ की सुविधा नहीं होती है, जो OPS में होती थी।
1. कटौती: NPS में वेतन का 10% काटा जाता है, जबकि OPS में कोई कटौती नहीं होती।
2. जीपीएफ सुविधा: NPS में जीपीएफ की सुविधा नहीं है, जबकि OPS में यह सुविधा मिलती थी।
3. महंगाई भत्ता: NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता, जबकि OPS में यह लागू होता है।
4. टैक्स: NPS में रिटायरमेंट पर मिलने वाली राशि पर टैक्स देना पड़ता है, जबकि OPS में जीपीएफ पर टैक्स नहीं लगता।
पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर हो रहे विवाद और नई पेंशन योजना में मिल रहे कम फायदे के बीच केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का विकल्प पेश किया है। UPS एक मिक्स्ड मॉडल है जो OPS की निश्चित पेंशन के साथ NPS की मॉडर्न अप्रोच को जोड़ता है। उम्मीद की जा रही है कि यह योजना कर्मचारियों की पेंशन सुरक्षा को मजबूत करेगी और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाएगी।
ये भी पढ़ें: 150 से ज्यादा दवाओं पर बैन, सरकार ने बुखार और दर्द की दवाओं को लेकर लिया बड़ा फैसला
ये भी पढ़ें: केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन OPS पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब लागू होगा UPS
Naman Ojha Father Fraud Case: भारतीय क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को 7 साल की…
डॉली जिनका असली नाम सुनील पाटिल है, दुबई के एक आलीशान कमरे से काम करती…
आज की व्यस्त जिंदगी में तनाव और चिंता के कारण नींद न आने की समस्या…
Manu Bhaker Neeraj Chopra: मनु भाकर और नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक्स में क्रमशः शूटिंग…
Best of 2024: इस साल क्रिकेट मैदान पर बड़े-बड़े रिकॉर्डस बने, साथ ही कई यादगार…
IIT दिल्ली में जेनरेटिव AI में 6 महीने का सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू किया है। आपको…