नई दिल्ली: मोदी सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन बिल कल यानी सोमवार को संसद में पेश कर सकती है. इसको लेकर बिहार में भी राजनीतिक चर्चाएं तेज हैं.
नई दिल्ली: मोदी सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन बिल कल यानी सोमवार को संसद में पेश कर सकती है. इसको लेकर बिहार में भी राजनीतिक चर्चाएं तेज हैं. पक्ष और विपक्ष के नेताओं की अपनी-अपनी राय है. जदयू नेता नीरज कुमार का कहना है कि इस बिल की ज्यादा जानकारी नहीं लेकिन इस संदर्भ में बिहार एक मॉडल बना है. वहीं राजद नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि केंद्र सरकार की निगाह कहीं और निशाना कहीं और है.
नीरज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भू राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव और जिला के अंदर डीएम को “वक्फ की संपत्ति की सुरक्षा और संरक्षण” की अधिकार दिया है. सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर 100 करोड़ रुपये उसके विकास के लिए दिया है. इस राशि से पुस्तकालय और मल्टीपरपस हॉल बन रहा है. नीरज कुमार ने कहा कि जो लोग गरीब तबके के हैं उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए वक्फ बोर्ड की संपत्ति का उपयोग होगा.
आपको बता दें कि मोदी सरकार इस बिल के माध्यम से वक्फ बोर्ड की उस शक्ति पर अंकुश लगाना चाहती है, जिसके तहत किसी भी संपत्ति को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर सकता है. संसद में इस बिल के पास होने के बाद वक्फ बोर्ड के कई अधिकारों पर रोक लग सकती है. इस बिल में वक्फ बोर्ड की शक्ति को कम करने की बात कही गई है. इस समय देशभर में 30 वक्फ बोर्ड कार्यरत हैं.
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