नई दिल्ली: चुनाव को लोकतंत्र का महोत्सव कहा जाता है, जिसमें जनभागीदारी की खास भूमिका होती है. देश में लोकसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल को प्रथम चरण का मतदान हुआ. पहले चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर वोट डाले गए. इनमें पश्चिम उत्तर प्रदेश की भी 8 सीटें शामिल रहीं. चुनाव आयोग […]
नई दिल्ली: चुनाव को लोकतंत्र का महोत्सव कहा जाता है, जिसमें जनभागीदारी की खास भूमिका होती है. देश में लोकसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल को प्रथम चरण का मतदान हुआ. पहले चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर वोट डाले गए. इनमें पश्चिम उत्तर प्रदेश की भी 8 सीटें शामिल रहीं. चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में 102 सीटों पर करीब 64 फीसदी मतदान देखने को मिला है. सबसे ज्यादा वोटिंग त्रिपुरा में 80.17 फीसदी हुई. अगर 2019 में हुए मतदान के पहले चरण से तुलना की जाए तो इस बार पहले फेज में कम वोटिंग हुई है. इसी से संबंधित आईटीवी नेटवर्क ने एक सर्वे किया. जिसपर जनता ने खुलकर अपनी राय रखी है. जिसके नतीजे कुछ इस प्रकार है….
पहले चरण में कुल मतदान में कमी की बड़ी वजह आप क्या मानते हैं ?
सरकार बनाने में रुचि नहीं – 17%
पसंद का उम्मीदवार नहीं – 19%
मौसम और गर्मी – 25%
चुनाव आयोग की नाकामी – 27%
कह नहीं सकते – 12%
मतदान में हिस्सा लेने की बड़ी वजह आप क्या मानते हैं ?
पसंद की सरकार बनाना – 23%
पसंद का उम्मीदवार चुनना – 8%
किसी पार्टी को हराना – 2%
लोकतंत्र को मज़बूत करना – 66%
कह नहीं सकते – 1%
चुनावों में आपकी राजनीतिक सक्रियता बढ़ने की बड़ी वजह क्या होती है ?
चुनावी रैलियां – 16%
इलाक़े का रोड शो – 10%
घर-घर प्रचार अभियान – 37%
ऑनलाइन चुनावी कैंपेन – 27%
कह नहीं सकते – 10%
वोटर जागरुकता अभियान में सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी किसकी मानते हैं ?
चुनाव आयोग – 35%
सरकारी मशीनरी – 4%
राजनीतिक दल – 7%
मीडिया – 17%
सामाजिक संगठन – 33%
कह नहीं सकते – 4%