EWS आरक्षण: नई दिल्ली। आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को दिए जा रहे EWS आरक्षण पर आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया। शीर्ष अदालत ने इस आरक्षण को सही बताते हुए 3-2 के बहुमत से फैसला सुनाया। जिसके बाद अब ये स्पष्ट हो गया है कि EWS आरक्षण जारी रहने वाला […]
नई दिल्ली। आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को दिए जा रहे EWS आरक्षण पर आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया। शीर्ष अदालत ने इस आरक्षण को सही बताते हुए 3-2 के बहुमत से फैसला सुनाया। जिसके बाद अब ये स्पष्ट हो गया है कि EWS आरक्षण जारी रहने वाला है।
बता दें कि EWS बिल को लेकर 8 जनवरी 2019 को संसद के निचले सदन लोकसभा में वोटिंग हुई। इसके पक्ष में 323 और विपक्ष में 3 वोट पड़े, कई सांसदों ने इस मतदान प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। वहीं डीएमके, आरजेडी और वाम दलों ने इसका विरोध किया। इसके बाद 10 जनवरी 2019 को इस बिल को लेकर राज्यसभा में मतदान हुआ। जहां पर इसके पक्ष में 165 और विरोध में 7 सांसदों ने वोट किया। दोनों सदनों से बिल के पास होने के बाद 31 जनवरी 2019 को केंद्र सरकार ने EWS आरक्षण को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया।
केंद्र सरकार ने 103वें संशोधन के जरिए संविधान में अनुच्छेद 15 और 16 जोड़ दिया। जिसके बाद देशभर में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को लोगों को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण मिल गया। EWS कोटा लागू होने के एक साल बाद फरवरी 2020 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में 2 छात्रों ने इसके खिलाफ याचिका दायर की। उन्होंने कोर्ट में कहा कि 10 प्रतिशत EWS आरक्षण से एससी-एसटी और ओबीसी को बाहर किया जाना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
गौरतलब है कि आर्थिक आधार पर दिए गए EWS आरक्षण का विरोध कर रहे लोग इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ बता रहे थे और सुप्रीम कोर्ट से इसे रद्द करने की मांग कर रहे थे। वहीं, केंद्र सरकार इसका बचाव कर रही थी। इसी बीच मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन सवाल पूछा। बताया जा रहा है कि इन्ही तीन सवाल के जवाब के आधार पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला दिया है।
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