देश-प्रदेश

डार्क नेट क्या है जिस पर UGC-NET का पेपर हुआ लीक

नई दिल्ली: इंटरनेट पर कई ऐसे वेबसाइट्स होती हैं जो आमतौर पर प्रयोग किये जाने वाले गूगल बिंग जैसे सर्च इंजनों और सामान्य ब्राउज़िंग के दायरे से अलग होती हैं जिन्हें डार्क नेट या डीप नेट कहते है। ये TOR जैसे सर्च इंजन पर खुलता है.
डार्क नेट इंटरनेट का एक छोटा सा हिस्सा होता है जिसमें जानबूझकर वेबसाइट्स को छिपाकर रखा जाता है . ये केवल एन्क्रिप्टेड ब्राउजर जैसे कि द अनियन राउटर, जिसे टोर के नाम से जाना जाता है उसका उपयोग कर ऐक्सेस कर सकते हैं.

…इसलिए है डार्कनेट खास

डार्क नेट ऑनलाइन दुनिया का एक हिस्सा है, जो कि सर्च इंजन से बिल्कुल अलग है. यहां पर यूजर्स को ट्रेस करना मुश्किल होता है. डार्कनेट का उपयोग कानूनी और गैर-कानूनी, दोनों तरह के काम के लिए किया जाता हैं. खास बात यह है कि इसका उपयोग करने पर किसी का नाम सामने नहीं आता है.

डार्कनेट इंटरनेट के दुनिया का वह हिस्सा है जो कि एनक्रिप्टेड नेटवर्क पर मौजूद है.इसे ऐक्सेस करने के लिए ऑथराइजेशन या स्पेशल सॉफ्टवेयर या कंन्फिगरेशन की जरूरत होती है.

डार्कनेट को सर्च इंजन के जरिए इंडेक्स भी नहीं किया जा सकता, इसलिए यहां पर किसी की भी जानकारी पता नहीं लग पाती है यहां पर यूजर्स को नकली समान चोरी किये गए डेटा ड्रग्स हथियार और अवैध सर्विसेज बेचने जैसे गलत कामों में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, डार्कनेट पर हो रही सारी एक्टिविटी गलत नहीं होती है. डार्क नेट का इस्तेमाल ज्यादातर अवैध कामों के लिए किया जाता है. इसके बहुत सारे खतरे हैं जिनके बारे में जानना बहुत जरूरी है.

डार्कनेट या डार्कवेब के खतरे

साइबर क्राइम: डार्क नेट को साइबर क्रिमिनल्स का अड्डा कहा जाता है . क्रेडिट कार्ड स्कैम यूजर्स की आइडेंटिटी की चोरी डिवाइस में मैलवेयर डाल देना जैसे अवैध काम शामिल हैं. इस तरह के अवैध काम के लिए क्रिमिनल्स अपनी एक्टिविटी को कानून से छिपाने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल करते हैं.

मैलवेयर: डार्क नेट पर साइबर क्रिमिनल्स मैलवेयर इंस्टॉल करते हैं. इसके इंस्टॉल करते ही यूजर्स की डिवाइस में ऐक्सेस मिल जाता है.और इसके ऐक्सेस मिलते ही यूजर्स की सारी निजी जानकारी उन तक पहुंचा जाता है. डार्क नेट पर लगभग हर तरह का मैलिशस सॉफ्टवेयर मौजूद है.

स्कैम और अवैध एक्टिविटी

डार्क नेट में कई ऐसे वेबसाइट्स होते है जिसमें यूजर्स की निजी जानकारी और पैसे चुराने के लिए ही डिजाइन किया जाता है.इसके अलावा डार्क नेट पर स्मगलिंग ड्रग वेपन, ट्रेडिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसी अवैध काम भी होते हैं.

यह भी पढ़ें-

NEET Paper Leak: पटना के साथ रांची में भी सिकंदर ने लीक किया था पेपर, 10 करोड़ में हुई थी डील

Vaibhav Mishra

असिस्टेंट प्रोड्यूसर- इनखबर | राजनीति और विदेश के मामलों पर लिखने/बोलने का काम | IIMT कॉलेज- नोएडा से पत्रकारिता की पढ़ाई | जन्मभूमि- अयोध्या, कर्मभूमि- दिल्ली

Recent Posts

लोकसभा में आज पेश होगा ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’, जानें कैसे होंगे पूरे देश के एक साथ चुनाव

केंद्र सरकार आज संसद में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' बिल पेश करने जा रही है।…

10 minutes ago

पहले लालू-शरद-अखिलेश और अब उमर-अभिषेक… अपने ही लोगों के निशाने पर क्यों हैं राहुल गांधी?

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस EVM के मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े…

8 hours ago

दिल्ली चुनाव: केजरीवाल को जिताने के लिए जान लगाएंगे अखिलेश, AAP-सपा का धांसू प्लान आया सामने

दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद में समाजवादी पार्टी की अच्छी खासी पकड़ है। दिल्ली…

8 hours ago

जल्द श्रीलंका दौरे पर जाएंगे PM मोदी, राष्ट्रपति दिसानायके का न्योता स्वीकारा

पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि श्रीलंका, भारत…

8 hours ago

बांग्लादेश के लिए कलंक है यूनुस! दिल्ली से ऐसी दहाड़ीं शेख हसीना, कांप उठा ढाका

भारत की राजधानी दिल्ली में बैठीं शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान सरकार…

8 hours ago

इकरा हसन के विधायक भाई ने योगी की पुलिस को दौड़ाया, कैराना में महा-बवाल!

इस्सौपुरटिल इलाके में अवैध कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद चल रहा था।…

9 hours ago