नेचुरल फार्मिंग से कैसे सवरेगा किसानों का भविष्य, बजट 2024 में भी दिया गया है जोर

नई दिल्ली: बजट 2024 में निर्मला सीतारमण ने किसानों के उज्जवल भविष्य को लेकर कई बड़े ऐलान किए है, इनमें सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक खेती। आखिर क्यों इस पर दिया जा रहा है इतना जोर? हमारा देश कृषि प्रधान है आज भी यहां की आधे से ज्यादा की जनसंख्या खेती करके गुजारा कर रही हैं। इस […]

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नेचुरल फार्मिंग से कैसे सवरेगा किसानों का भविष्य, बजट 2024 में भी दिया गया है जोर

Namrata Mohanty

  • July 23, 2024 3:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: बजट 2024 में निर्मला सीतारमण ने किसानों के उज्जवल भविष्य को लेकर कई बड़े ऐलान किए है, इनमें सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक खेती। आखिर क्यों इस पर दिया जा रहा है इतना जोर?

हमारा देश कृषि प्रधान है आज भी यहां की आधे से ज्यादा की जनसंख्या खेती करके गुजारा कर रही हैं। इस तर्ज पर ही आज बजट में भी इस पर जोर दिया गया है। उन्होंने अगले 2 सालों में 1 करोड़ किसानों को नेचुरल खेती के लिए लाभान्वित करेगी।

नेचुरल फार्मिंग क्या है

ये ऐसी खेती होती है जिसमें रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता है। यह पूरी तरह प्राकृतिक तरीकों से की जाने वाली खेती होती है। यह खेती की पुरानी टेक्निक है। यह खेती पूरी तरह से प्रकृति की चीजों पर आधारित होती है। ये कीटनाशक से मुक्त खेती होती है जो खेती की जमीन को उपजाऊ बनाने में भी मदद करती है। इस प्रकार की खेती में उपजाई गई फसलें भी सेहतमंद होती है। ऐसी खेती करना किसानों के लिए भी लाभदायक है।

सरकार क्यों डाल रही है इस पर जोर

नेचुरल खेती करना जमीन के लिए बेहतर मानी जाती है, इससे जमीन की गुणवत्ता बढ़ती है। इन सबके अलावा प्राकृतिक खेती पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होती है। ऐसी खेती करने से किसानों की जेब पर कोई असर नहीं पड़ता, वे आर्थिक रूप से कमजोर नहीं होते क्योंकि किसान सिर्फ प्राकृतिक खाद, पौधे जैसी चीजों पर ही निर्भर रहते हैं।

प्राकृतिक खेती के लाभ

इस खेती को करने के लिए किसानों को केमिकल व अन्य कीटनाशकों को खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है। इस तरह की खेती में फसलें नेचुरल तरीके से उगती है इसलिए इनके दाम बाजारों में आम सब्जियों से ज्यादा होता है।आजकल युवा भी नेचुरल खेती की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

 

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