नई दिल्ली: इस्लाम धर्म में खाने पीने यानि की (Food) चीजों को हराम और हलाल में बांटा गया है. इस्लाम धर्म के अमुसार इस्लामी शिक्षा यह तय करती है कि कौन सी खाने पीने की चीजें हलाल यानि (पाक) है और कौन सी हराम यानि नापाक हैं. हलाल और हराम में अंतर इस्लाम धर्म के […]
नई दिल्ली: इस्लाम धर्म में खाने पीने यानि की (Food) चीजों को हराम और हलाल में बांटा गया है. इस्लाम धर्म के अमुसार इस्लामी शिक्षा यह तय करती है कि कौन सी खाने पीने की चीजें हलाल यानि (पाक) है और कौन सी हराम यानि नापाक हैं.
इस्लाम धर्म के मुताबिक हलाल (Halal) और हराम (Haram) अरबी का शब्द है. जिसका मतलब होता है. इस्लाम में क्या वैध है. और क्या अवैध है.
इस्लाम धर्म में सूअर का मांस और उससे बने खाद्य पदार्थ सेवन करना है. हराम है . इस बात का जिक्र कुरान की कई आयतों में देखने को मिलता है. अल-बक़रा, 2:173; सूरह अल-अनम, 6:145; सूरह अल-इसरा, 17:16). सुअर के मांस से बने अन्य पदार्थ जैसे बेकन, हैम विशेष तरह की मीट का प्रयोग करना इस्लाम धर्म में हराम माना गया है.
इस्लाम धर्म में जानवरों के खून का सेवन करना हराम माना गया है. खून का उपयोग और सेवन खाने को नापाक बनाता है. इसका कुरान में जिक्र किया गया है.
इस्लाम धर्म में शराब और नशीली दवाओं का सेवन करना हराम है. शराब के सेवन करने से आप पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यह आपको पूर्ण रूप से पाप की ओर ले जाती है. कुरान में साफ तौर पर कहा गया है कि ऐ ईमान वालों, नशे या नशीली दवाओं के सेवन, जुआ, पत्थर की वेदियों पर बलि चढ़ाने से तुम शैतान का काम करोगे.
इस्लाम धर्म में वैसे जानवारों को खाना मना है. जिनका स्वभाव शिकार प्रवृति का हो या जिनके पंजे हो. क्योंकि यह जानवर दूसरे जानवरों के सड़े मांस को खाते हैं. ऐसे जानवरों के उदाहरण है बाघ, शेर, भेड़िये और चील हैं. इन्हें इस्लाम धर्म में खाने की बिलकुल मनाही है.
इस्लाम धर्म में ऐसे जानवरों को खाना भी हराम माना जाता है. जिनको ठीक से काटा नही गया है. इस्लाम में इन हलाल खाद्य पदार्थों के सेवन को न करने के बहुत कारण हैं.
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