नई दिल्ली: यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC NET) में धांधलेबाजी के बाद उसे निरस्त कर दिया गया है. इसी बीच सरकार ने नया कानून लागू कर दिया है. आखिर यूजीसी नेट क्या है जिसको लेकर इतना हंगामा बरपा है. आपको बता दें कि यह एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है. इस परीक्षा के तहत 83 […]
नई दिल्ली: यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC NET) में धांधलेबाजी के बाद उसे निरस्त कर दिया गया है. इसी बीच सरकार ने नया कानून लागू कर दिया है. आखिर यूजीसी नेट क्या है जिसको लेकर इतना हंगामा बरपा है. आपको बता दें कि यह एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है. इस परीक्षा के तहत 83 विषयों की परीक्षा ली जाती है. मास्टर डिग्री वाले छात्र ये परीक्षा दे सकते हैं. इस परीक्षा का आयोजन भारत के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) के लिए क योग्य उम्मीदवारों को चुनने हेतु होती है. ये परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा ली जाती है.
यूजीसी नेट और जेआरएफ परीक्षा NTA द्वारा आयोजित एक ही परीक्षा है. यूजीसी नेट का फुलफॉम यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट है, वहीं जेआरएफ का फुल फॉर्म जूनियर रिसर्च फेलोशिप है. NET की तुलना में JRF का कट ऑफ मार्क्स ज्यादा होता है. नेट पास करने वालो में से टॉप 6% की मेरिट लिस्ट में आने वाले बच्चों को नेट जेआरएफ यानि रिसर्च फेलोशिप के योग्य माना जाता है. जेआरएफ पास करने वाले छात्रों को रिसर्च करने के लिए सरकार की तरफ से हर महीने स्कॉलरशिप मिलता है. जो अभ्यर्थी सिर्फ नेट परीक्षा पास करते हैं उन्हें स्कॉलरशिप नहीं मिलती है.
यूजीसी नेट और नेट जेआरएफ दोनों के लिए एक ही परीक्षा होती है. यूजीसी नेट और जेआरएफ परीक्षा में दो पेपर होते हैं. पेपर-1 सामान्य पेपर होता है जबिक पेपर-2 विषय-विशिष्ट होता है. यूजीसी नेट और नेट जेआरएफ की परीक्षा साल में दो बार जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है. इसमें ऑब्जेक्टिव सवाल पूछे जाते हैं और सही विकल्प पर निशान लगाना होता है. दोनों पेपर में वस्तुनिष्ठ प्रकार के बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाते हैं दोनों पेपर में कुल 150 सवाल होते हैं.
समान्य वर्ग को यूजीसी नेट परीक्षा पास करने के लिए दोनों पेपर मिलाकर न्यूनतम 40 प्रतिशत नंबर की जरूरत होती है. वहीं ओबीसी, एससी, एसटी और दिव्यांग को 35 प्रतिशत नंबर लाने की जरूरत होती है. नेट जेआरएफ में फर्स्ट पेपर को बस पास करना होता है.
पीएचडी का फुल फॉम (डॉक्टर ऑफ़ फिलॉसफी) है, यह विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों द्वारा कई देशों में प्रदान की जाने वाली सबसे उच्च शैक्षिक डिग्री होती है, ये खासतौर पर विशेष अध्ययन के क्षेत्र में मूलभूत अनुसंधान के माध्यम से प्राप्त की जाती है। पीएचडी करने के लिए छात्र को स्नातकोत्तर डिग्री के बाद अधिकतम संशोधन के माध्यम से कई वर्षों तक कठिन अध्ययन और अनुसंधान के जरिए पूरा करना होता है।
किसी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए नेट या पीएचडी करना जरूरी होता है. वहीं जेआरएफ ऐसे छात्र करते हैं, जिन्हें केवल शोध के क्षेत्र में जाना होता हैं या फिर अपनी पढ़ाई आगे जारी रखना चाहते हैं.
पीएचडी और यूजीसी नेट दोनों असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पात्र हैं। यूजीसी नेट के उम्मीदवार कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी की आवश्यकता नहीं होती है.सिर्फ यूजीसी नेट क्वालीफाइड होना चाहिए .वही केवल पीएचडी की डिग्री आपके पास है और UGC NET क्वालीफाइड नहीं है तो भी असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पात्र हैं। लेकिन कोई उम्मीदवार दोनों यानि पीएचडी और UGC NET क्वालीफाइड हैं तो वे असिस्टेंट प्रोफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए पात्र होते हैं.
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