नई दिल्ली: 2 जून की शाम ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. इस हादसे की चपेट में आने से एक हजार से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं जिनका आस-पास के अस्पतालों में इलाज चल रहा है. रेल […]
नई दिल्ली: 2 जून की शाम ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. इस हादसे की चपेट में आने से एक हजार से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं जिनका आस-पास के अस्पतालों में इलाज चल रहा है. रेल हादसे की तस्वीरें काफी दर्दनाक हैं जो हादसे की भीषणता का प्रमाण देती हैं. रेल मंत्रालय ने हादसे का शिकार हुए मृतकों और घायलों के परिजनों को सहायता राशि देने का ऐलान किया है.
ये भीषण हादसा किस तरह हुआ इस पर जांच जारी है इस बीच आइए आपको बताते हैं कि भीषण हादसे का शिकार होने वाली कोरोमंडल और यशवंतपुर एक्सप्रेस के लोको पायलट का क्या हुआ जो उस समय ट्रेन की कमान संभाल रहे थे. रेलवे के अधिकारियों की मानें तो ट्रेनों के आपस में टकराने से लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गए हैं जिनका इलाज करवाया जा रहा है. इस भीषण हादसे में शामिल मालगाड़ी के इंजन चालक और गार्ड बाल-बाल बच गए थे. उन्हें इलाज के लिए नज़दीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
रेल मंत्रालय की सदस्य जया वर्मा ने मीडिया को बताया कि हादसे के बाद सबसे पहले रिलीज फॉर रेस्क्यू किया गया जो अब पूरा हो चुका है. अब रीस्टोरेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि बालासोर जिले में बहनगा बाजार रेलवे स्टेशन है जहां ये हादसा 2 जून, शुक्रवार शाम 6:55 बजे हुआ और कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. उन्होंने बताया कि स्टेशन पर जो दो गाड़ियां खड़ी थीं वह भी इस हादसे की चपेट में आ गईं. दो मेल एक्सप्रेस गाड़ियों को उस समय स्टेशन से अलग-अलग दिशाओं से गुजरना था. स्टेशन पर दो मेन लाइन हैं जहां बिना रुके ट्रेनें आया जाया करती हैं इसे ही लूप लाइन कहा जाता है जहां गाड़ियां रोकी जाती हैं.