नई दिल्ली.आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई बदसलूकी की घटना सुर्खियों में है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि केजरीवाल के ड्राइंग रूम में आखिरकार क्या हुआ था? दूसरी सवाल यह कि मालीवाल उस दिन अरविंद केजरीवाल से क्यों मिलने गईं थी? पहले […]
नई दिल्ली.आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई बदसलूकी की घटना सुर्खियों में है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि केजरीवाल के ड्राइंग रूम में आखिरकार क्या हुआ था? दूसरी सवाल यह कि मालीवाल उस दिन अरविंद केजरीवाल से क्यों मिलने गईं थी?
पहले सवाल के जवाब को लेकर जितने मुंह उतनी बातें हैं. सूत्रों के हवाले से जो जानकारी निकलकर बाहर आ रही है उसके मुताबिक ड्राइंग रूम में इंतजार कर रहीं मालीवाल सीएम अरविंद केजरीवाल का इंतजार कर रही थीं लेकिन उनकी जगह उनके पीएस बिभव कुमार आये और कमरे में घुसते ही स्वाति मालीवाल पर जोर जोर से चिल्लाने लगे. मालीवाल शुरू में बचाव की मुद्रा में रहीं लेकिन जब धैर्य जवाब दे गये तो उसी अंदाज में जवाब देने लगीं और बात मारपीट तक पहुंच गई. कहा जा रहा है कि दोनों तरफ से हाथ चले.
सीएम आवास पर हुई थी मारपीट?
इसी दौरान स्वाति मालीवाल ने अपने मोबाइल से एक बार नहीं बल्कि दो बार फोन कर दिया. गुस्से में ही सिविल लाइंस थाने भी पहुंच गई. बात बिगड़ती देखकर स्वाति मालीवाल के नजदीकी नेताओं के सक्रिय किया गया कि किसी तरह स्थिति संभालें. बात न बढ़नें दें, इसके पहले कि स्वाति मालीवाल शिकायत लिखकर देतीं और पुलिस एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करती, थाने में ही मालीवाल का फोन बजने लगा.
खबरों के मुताबिक आप के बड़े नेता का फोन था और उनसे आग्रह किया गया कि पुलिस में शिकायत न करें, ऐसा किया तो सीएम हाउस में पुलिस घुस जाएगी. केजरीवाल अंतरिम जमानत पर हैं लिहाजा उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी. इसके बाद स्वाति मालीवाल बाद में शिकायत देने की बात कहकर थानें से लौट आईं.
राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल लंबे समय से अरविंद केजरीवाल की सहयोगी हैं. 9 साल तक दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं और अपने तीखे बयानों और कार्रवाइयों को लेकर चर्चे में रहीं.
सिस्टम पर चोट करने में कभी पीछे नहीं रही. इनाम के रूप में उन्हें दिल्ली से राज्यसभा भेजा गया लेकिन शराब घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनकी तरफ से जो आवाज उठनी चाहिए थी शायद वो नहीं उठी.
सूत्रों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल की रिहाई के लिए वरिष्ठ नेताओं के अलावा कोई एक शख्स मेहनत कर रहा था तो वो थे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी. लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उनकी टीम लगी हुई थी और अंतत: उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच से केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिलवा दी.
केजरीवाल ने सिंघवी को इनाम देने की सोची और स्वाति मालीवाल को संदेशा भिजवाया कि वह राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दें. आपको बता दें कि सिंघवी हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा चुनाव लड़े थे लेकिन नाटकीय ढंग से बीजेपी के हाथों हार गये थे.
इकोनामिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक केजरीवाल का संदेश पाकर स्वाति मालीवाल उनसे मिलने पहुंची थीं. उन्हें लगा जैसे पार्टी उनसे नाराज है और उन्हें किनारे किया जा रहा है. जबकि तैयारी यह थी कि स्वाति से इस्तीफा दिलवाकर अभिषेक मनु सिंघवी को दिल्ली से राज्यसभा भेज दिया जाय और स्वाति को पंजाब कोटे से एडजस्ट किया जाएगा.
वहां के बारे में खबर आ रही है कि क्रिकेटर हरभजन सिंह कभी भी राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम सकते हैं. हरभजन सिंह ऐसा करेंगे या नहीं यह तो वक्त बताएगा लेकिन स्वाति मालीवाल को यह बात अच्छी नहीं लगी और ना नुकुर से शुरू हुई बात मारपीट तक पहुंच गई?
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