September 28, 2024
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मनीष कश्यप पर लगे NSA पर सुप्रीम कोर्ट के अंदर क्या बात हुई?

मनीष कश्यप पर लगे NSA पर सुप्रीम कोर्ट के अंदर क्या बात हुई?

  • WRITTEN BY: Amisha Singh
  • LAST UPDATED : April 12, 2023, 4:57 pm IST

पटना: मनीष कश्यप मामले में 11 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। अब सवाल है कि सुनवाई के दौरान कोर्ट के अंदर क्या हुआ और कोर्ट ने क्या कहा? बता दें, जस्टिस कृष्ण मुरारी और संजय करोल ने मनीष कश्यप की याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्य वकील सिद्धार्थ दवे ने मनीष का पक्ष रखा। वहीं, तमिलनाडु सरकार की ओर से मुख्य अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पैरवी की।

 

➨ मनीष कश्यप के वकील सिद्धार्थ ने क्या कहा?

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में दो FIR दर्ज की गई हैं। इस मामले में बिहार सरकार ने भी केस दर्ज किया और जमानत देने से साफ़ मना कर दिया। ऐसे में एक मामले में दर्जनों FIR दर्ज करना तो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि अर्नब गोस्वामी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। “इस तर्क के आधार पर, बिहार में दर्ज हुई FIR प्रमुख मामला होना चाहिए।” सुनवाई के दौरान मनीष कश्यप ने कहा, ‘मुझे तमिलनाडु ले जाया गया जहां मुझे ले जाया गया। मैं उनकी भाषा भी नहीं समझ पा रहा हूं।’

➨ सुनवाई में और क्या कहा गया?

वहीं तमिलनाडु सरकार का बचाव करते हुए कपिल सिब्बल ने जवाब दिया कि झूठी खबरें फैलाना, जिसके चलते लोगों की मौत हुई। यह कोई छोटी बात नहीं है। उन्होंने कहा, “हम मनीष कश्यप की याचिका का जवाब भेज रहे हैं। वैसे भी उन्हें NSA के तहत हिरासत में लिया गया था।” वह मामला अलग है और अपराध भी अलग है।

 

 

➨ 2 हफ्ते का समय मांगा

इतना कहते ही कपिल सिब्बल ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का समय मांगा। जवाब में कोर्ट ने कहा कि ठीक है, लेकिन तब तक कृपया उसके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न करें। इसके बाद मनीष के वकील ने तुरंत आपत्ति जताते हुए कहा, “दो हफ्ते बहुत लंबा समय है। मनीष को हर दिन परेशान किया जा रहा है।” बिहार में जमानत पाने के लिए उन्हें तमिलनाडु की जेल में रखा गया था। और फिर NSA को किस बुनियाद पर लागू किया जा सकता है? यह बिल्कुल गलत है।

 

➨ सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

यह सुनकर जज संजय करोल ने कहा कि वह भी बिहार का प्रवासी मजदूर है। यह स्पष्ट है कि उन्होंने इसे हल्के ढंग से कहा। इसके बाद कोर्ट ने कपिल सिब्बल को सरकार के पक्ष में जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया था। सभी FIR को इकठ्ठा करने के अनुरोध पर, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, बिहार सरकार और तमिलनाडु की स्टालिन सरकार को तलब किया।

 

 

➨ NSA का क्या होता है?

NSA के मुताबिक, एक संदिग्ध को बिना जमानत के तीन महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है। यदि ज़रुरी हुआ, तो अवधि को तीन-तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है। हिरासत में रखने के लिए, संदिग्ध को आरोपित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हिरासत में लिया गया व्यक्ति केवल उच्च न्यायालय के सलाहकार बोर्ड में अपील कर सकता है। जब मामला अदालत में आता है, तो सरकारी वकील मामले को अदालत में बताता है।

 

 

 

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