सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिलने के मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। CJI संजीव खन्ना ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिलने के मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। CJI संजीव खन्ना ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को आदेश दिया है कि जस्टिस वर्मा को कोई काम न करने दिया जाए। जस्टिस यशवंत वर्मा के कॉल-इंटरनेट रिकॉर्ड खंगालने का आदेश जारी किया गया है।
CJI खन्ना के निर्देश पर दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीके उपाध्याय ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है। इसमें 1 सितंबर 2024 से 22 मार्च 2025 तक का कॉल रिकॉर्ड और इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड(IPDR) देने की मांग की गई है। हाई कोर्ट ने कहा है कि जैसे ही यह डेटा मिल जाता है, सारा सुप्रीम कोर्ट को दे दिया जाएगा।
कॉल रिकॉर्ड और IPDR किसी व्यक्ति की डिजिटल गतिविधि पर नज़र रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि व्यक्ति ने कब किससे बात की और कितनी देर तक बात की। IPDR से यह पता चलता है कि मोबाइल फोन से किन वेबसाइट और एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया गया। इंटरनेट का कितना और कब इस्तेमाल किया गया और क्या किसी VPN का इस्तेमाल किया गया।
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