नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला लिया है. 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने को लेकर भारत सरकार की तरफ से एक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला लिया है. 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने को लेकर भारत सरकार की तरफ से एक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. इस अधिसूचना में कहा गया है कि 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी, उस समय की सरकार ने सत्ता का घोर दुरुपयोग किया था. भारत के लोगों को देश के संविधान और भारत के मजबूत लोकतंत्र पर दृढ़ विश्वास है. इसलिए भारत सरकार ने आपातकाल की अवधि के दौरान सत्ता के घोर दुरुपयोग का सामना और संघर्ष करने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया है और भारत के लोगों को भविष्य में किसी भी तरह से सत्ता के घोर दुरुपयोग का समर्थन नहीं करने के लिए पुनः प्रतिबद्ध किया है. इन सबके बीच ITV ने एक सर्वे किया है, जिसमें चार सवाल पूछे गए है, जिनका परिणाम चौंकाने वाला सामने आया है.
Q. केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित किया है, आपकी राय
सही फ़ैसला- 73.00%
ग़लत फ़ैसला- 26.00%
कह नहीं सकते- 1.00%
Q. 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने की बड़ी वजह आप क्या मानते हैं?
इमरजेंसी की क्रूर यादें- 15.00%
इंदिरा गांधी की तानाशाही- 35.00%
संविधान की अहमियत बताना- 31.00%
कह नहीं सकते- 19.00%
Q. क्या संविधान हत्या दिवस का एलान महज़ राजनीतिक एजेंडा है?
हाँ- 62.00%
नहीं- 35.00%
कह नहीं सकते- 3.00%
Q. किस पार्टी की सरकार में सबसे ज़्यादा संविधान विरोधी फ़ैसले लिए गए हैं?
कांग्रेस सरकार- 56.00%
बीजेपी सरकार- 24.00%
गठबंधन सरकार- 12.00%
कह नहीं सकते- 8.00%
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