नई दिल्ली: देश में चल रहे नीट यूजी विवाद के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है, जिसका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं को रोकना है. इस कानून में दोषियों के लिए अधिकतम 10 वर्ष कारावास की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का […]
नई दिल्ली: देश में चल रहे नीट यूजी विवाद के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है, जिसका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं को रोकना है. इस कानून में दोषियों के लिए अधिकतम 10 वर्ष कारावास की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. वहीं केंद्र सरकार द्वारा एंटी पेपर लीक कानून लागू किए जाने को लेकर ITV ने एक सर्वे किया है, जिसमें ITV की तरफ से चार सवाल पूछे गए है, जिसका परिणाम चौंकाने वाला सामने आया है जो नीचे है.
Q. एंटी-पेपर लीक कानून लागू होने से क्या परीक्षाओं में धांधली पूरी तरह से खत्म होगी?
हां-56.00%
नहीं-38.00%
कह नहीं सकते-6.00%
Q. पेपर लीक के दोषियों को 3 से 10 साल की सजा का प्रावधान है, क्या इतनी सजा काफी है?
सजा ठीक है-45.00%
सजा बढ़ानी चाहिए-27.00%
आजीवन कारावास-26.00%
कह नहीं सकते-2.00%
Q. पेपर लीक के दोषी पाए जाने पर 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने पर आपकी राय क्या है?
1 करोड़ का जुर्माना ठीक है-77.00%
1 करोड़ का जुर्माना बहुत ज्यादा है-19.00%
कह नहीं सकते-4.00%
Q. जिस संस्थान में परीक्षाओं में गड़बड़ी हो, क्या उनकी मान्यता रद्द कर देनी चाहिए?
हां-90.00%
नहीं-7.00%
कह नहीं सकते-3.00%
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