नई दिल्ली: लगातार दूसरी बार लोकसभा के स्पीकर बने ओम बिड़ला ने अपने पहले संबोधन में इमरेंजीस का जिक्र किया, जिसपर विपक्ष विफर पड़ा. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया. दरअसल, स्पीकर बिड़ला ने सदन में कहा कि इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर बाबा साहेब अंबेडकर कके द्वारा बनाए गए संविधान […]
नई दिल्ली: लगातार दूसरी बार लोकसभा के स्पीकर बने ओम बिड़ला ने अपने पहले संबोधन में इमरेंजीस का जिक्र किया, जिसपर विपक्ष विफर पड़ा. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया. दरअसल, स्पीकर बिड़ला ने सदन में कहा कि इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर बाबा साहेब अंबेडकर कके द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान किया था. बिड़ला के इतना कहते ही विपक्ष के सांसदों ने नारे लगाना शुरू कर दिया.
ओम बिड़ना ने स्पीकर बनने के बाद अपने पहले संबोधन में कहा कि यह सदन 1975 में लगाए गए आपातकाल की निंदा करता है. उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान का अपमान किया था. उन्होंने भारत पर तानाशाही थोपी थी और लोकतंत्र का अपमान किया था. आपातकाल के दौरान लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी छीनी गई थी, मीडिया पर अनेक पाबंदियां लगाई गई थी. कई नेताओं को मीसा कानून के तहत जेल में बंद कर दिया गया था.
इससे पहले 2019 से 2024 तक लोकसभा के स्पीकर रहे कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिड़ला को 18वीं लोकसभा के लिए भी स्पीकर चुना गया है. बुधवार (16 जून) को सत्ताधारी गठबंधन NDA के उम्मीदवार ओम बिड़ला को ध्वनिमत से लोकसभा का स्पीकर चुना गया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्पीकर की कुर्सी तक छोड़ने गए है.
पिछली बार की तरह… ओम बिड़ला के दोबारा स्पीकर बनने पर क्यों डरी ये महिला नेता?