भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर जिले के बहानागा रेलवे स्टेशन पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के चार डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 350 से ज्यादा मुसाफिर घायल हुए हैं और अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोमंडल एक्सप्रेस के मालगाड़ी से टकराने की बात कही जा रही है, जिससे इतना […]
भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर जिले के बहानागा रेलवे स्टेशन पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के चार डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 350 से ज्यादा मुसाफिर घायल हुए हैं और अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोमंडल एक्सप्रेस के मालगाड़ी से टकराने की बात कही जा रही है, जिससे इतना बड़ा हादसा हो गया। अब सवाल उठता है कि दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर कैसे आ जाती हैं। इसके पीछे मुख्य कारण क्या है? आइए जानते हैं:
बता दें कि इसके पीछे दो वजह होती हैं। पहला मानवीय भूल और दूसरा तकनीक में किसी तरह की खराबी। अभी भी इस हादसे की वजह तकनीकी खराबी को माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिग्नल फेल होने की वजह से एक ही ट्रैक पर जा रही दो ट्रेनें आपस में टकरा गईं। दरअसल, ट्रैन ड्राइवर कंट्रोल रूम के निर्देशों को मानते हुए ट्रेन चलाता है और कंट्रोल रूम से जो निर्देश दिए जाते हैं वो पटरियों पर ट्रैफिक देखकर दिए जाते हैं।
…. इसे ऐसे समझें कि हर रेलवे कंट्रोल रूम में एक बड़ी स्क्रीन लगी होती है, जो बताती है कि ट्रेन किस प्लेटफॉर्म पर है और कौन सा प्लेटफॉर्म खाली है। इसे हरे और लाल रंग की रोशनी के जरिए दिखाया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई ट्रेन चल रही है या वह किसी ट्रैक पर चल रही है, तो वह लाल रंग में दिखाई देगी और खाली ट्रैक हरे रंग में दिखाई देगी। इसे देखकर कंट्रोल रूम से लोकोपायलट को निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन इस बार जिस तरीके का हादसा हुआ है। उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि स्क्रीन पर ट्रेन का सिग्नल ठीक से नहीं दिखा और कई लोगों की इससे जान चली गई।
ट्रेन हादसे के बाद NDRF एक्टिव हो गया है और सभी की मदद की जा रही है। भारतीय रेलवे ने यात्रियों और उनके परिवारों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। आपको बता दें कि भारतीय रेलवे ने यात्रियों के परिवारों के लिए अलग-अलग नंबर जारी किए हैं। अगर कोई यात्री अपने रिश्तेदार के बारे में जानकारी चाहता है तो वह +91 6782 262 286, 8972073925, 9332392339, 8249591559, 7978418322 और 9903370746 पर कॉल कर सकता है।