मानहानि मामले में जमानत मिलने के बाद Rahul Gandhi के पास क्या हैं विकल्प

नई दिल्ली: राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में 15 हजार के बेल बॉन्ड पर 13 अप्रैल तक जमानत मिल गई है. इस मामले में अगली सुनवाई 13 अप्रैल को की जाएगी। बता दें, राहुल गांधी को मानहानि मामले में सूरत कोर्ट ने बीते दिनों (3 मई) दो साल की सजा सुनाई थी. जहां आज […]

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मानहानि मामले में जमानत मिलने के बाद Rahul Gandhi के पास क्या हैं विकल्प

Riya Kumari

  • April 3, 2023 6:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में 15 हजार के बेल बॉन्ड पर 13 अप्रैल तक जमानत मिल गई है. इस मामले में अगली सुनवाई 13 अप्रैल को की जाएगी। बता दें, राहुल गांधी को मानहानि मामले में सूरत कोर्ट ने बीते दिनों (3 मई) दो साल की सजा सुनाई थी. जहां आज इस मामले को राहुल गांधी ने सूरत सेशन कोर्ट में अपील की थी. लेकिन राहुल गांधी की सजा पर किसी तरह की अंतरिम रोक नहीं लगाई गई है. इसका मतलब साफ़ है कि उन्हें अयोग्य ठहराने के मामले में किसी तरह की राहत नहीं मिली है. हालांकि कांग्रेस के पूर्व सांसद पैरवी करने वाली टीम ने अदालत में सजा पर रोक लगवाने पर जोर दिया था. अदालत ने इस मामले में कहा कि वह पहले सभी पक्षों को सुनेगी फिर अंतरिम रोक लगाएगी.

 

क्या है कांग्रेस की स्ट्रैटजी?

सजा सुनाने के साथ ही सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को सजा के खिलाफ अपील करने के लिए पर्याप्त समय दिया है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने राहुल गांधी की इस सजा के खिलाफ अपील करने में कोई जल्दबाजी भी नहीं दिखाई है. ऐसे में राहुल गांधी की आगे की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं. बता दें, सजा मिलने के बाद राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता में कहा था कि वह सच बोलना जारी रखेंगे चाहें उन्हें संसद से ही बाहर क्यों ना निकाल दिया जाए.

 

मौके तलाश रही है कांग्रेस 

दरअसल मुकदमे के फैसले को कांग्रेस किसी मौके की तरह ही तलाश रही है. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करने पर सभी विपक्षी पार्टियों के लगभग एक ही तरह के सुर सुनाई दे रहे हैं. शरद पवार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, केसीआर, नीतीश कुमार, स्टालिन, पी विजयन जैसे राजनीतिक दिग्गज भी राहुल गांधी के पक्ष में हैं. पब्लिक स्पेस में भी इस मामले को लेकर चर्चा हो रही है जहां कांग्रेस का रवैया डिफेंसिव नहीं है. मोदी-अडानी के रिश्ते पर भी कांग्रेस लगातार सवाल कर रही है. शायद कांग्रेस इस समय ‘सवाल किए जाने पर सरकार की ओर से उन्हें टारगेट किया जा रहा है’ का मैसेज देना चाहती है.

हालांकि दूसरी ओर कांग्रेस कोशिश में जुटी है कि राहुल गांधी साल 2024 का चुनाव बिना किसी बाधा के लड़ सकें. कांग्रेस भी ये बात जानती है कि अगर ये फैसला अमल हुआ तो राहुल अगले आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसलिए केस की तमाम पेचिदगियों के बाद भी राहुल गांधी को चुनाव लड़वाने के लिए कांग्रेस हाथ पैर मार रही है.

बता दें, अभी भी राहुल गांधी के पास उनकी संसदीय सदस्यता बचाने का विकल्प है अगर उन्हें स्पीकर की ओर से की गई कार्रवाई के विरुद्ध कोर्ट से राहत मिल जाए तो उनकी लोकसभा सदस्यता फिर बच सकती है.

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