West Bengal: कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मंगलवार को हुई बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प को लेकर सियासत गरमा गई है। पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज पर बीजेपी नेता भड़क गए हैं। आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने ममता सरकार पर जमकर हमला बोला। […]
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मंगलवार को हुई बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प को लेकर सियासत गरमा गई है। पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज पर बीजेपी नेता भड़क गए हैं। आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने ममता सरकार पर जमकर हमला बोला।
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ममता बनर्जी जी बंगाल की सरहद के बाहर हमेशा लोकतंत्र की बात करती हैं, लेकिन बंगाल में लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन की सारी हदें पार हो गई हैं। ममता जी आपसे मेरा सवाल है कि अगर पश्चिम बंगाल भ्रष्टाचार की प्रकाष्ठा पार कर रहा है तो इसके खिलाफ विपक्षी पार्टी प्रदर्शन क्यों ना करें।
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि अगर हम प्रदर्शन करते हैं, तो ममता सरकार की पुलिस पिटाई करती है और सारे रास्ते बंद करवा देती है। हमारी महिला नेताओं को कल जिस तरह से पीटा गया है ये पूरे देश ने देखा है। मैं सबकों बताना चाहता हूं कि जो भी नागरिक अधिकारों को हनन करता है और विपक्षियों को जेल में डालता है, जनता उसका हिसाब जरूर करती है।
बता दें कि, इस वक्त पश्चिम बंगाल में नबन्ना अभियान को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। ये भारतीय जनता पार्टी का अभियान है और इसे लेकर बंगाल में सियासी गलियारों से लेकर सड़कों तक माहौल गरमाया हुआ है, वहीं कोलकाता में भाजपा लगातार इस अभियान को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं, इसी कड़ी में मंगलवार को इस प्रदर्शन ने उग्र रूप धारण कर लिया, जिसमें पुलिस और बीजेपी नेताओं के बीच झड़प हुई।
नबन्ना की बात करें तो पहले बंगाल का सचिवालय रायटर्स बिल्डिंग में हुआ करता था लेकिन जब साल 2011 में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई तो उन्होंने हावड़ा में हुबली नदी के किनारे बिल्डिंग को सचिवालय बनाया और उसे नबान्न नाम दिया। नब से मतलब है नया और भाजपा ने ममता सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान को नबान्न चलो अभियान का नाम इसलिए दिया क्योंकि वो सचिवालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे।
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