कोलकाता। पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान भड़की हिंसा की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने आज मामले की जांच एनआईए को सौंप दी। बता दें कि 30 मार्च को रामनवमी के जुलूस के दौरान राज्य में कई जगहों पर पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं हुईं थी। हावड़ा और दिनाजपुर […]
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान भड़की हिंसा की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने आज मामले की जांच एनआईए को सौंप दी। बता दें कि 30 मार्च को रामनवमी के जुलूस के दौरान राज्य में कई जगहों पर पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं हुईं थी। हावड़ा और दिनाजपुर जिले से सांप्रदायिक हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आईं थी।
कलकत्ता हाई कोर्ट की जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की बेंच ने आज हिंसा के मामले की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला सुनाया। बता दें कि दो जजों वाली ये बेंच बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी की पीआईएल पर सुनवाई कर रही है। इससे पहले बेंच ने कहा था कि राज्य पुलिस द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट बताती है कि रामनवमी पर हुई हिंसा प्री-प्लान थी।
हिंसा को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में पुलिस द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट बताती है कि इस हिंसा में किसी तीसरे व्यक्ति का हाथ था। पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि दो समूहों के बीच हुई हिंसा में कोई तीसरा व्यक्ति फायदा उठाना चाहता था। उधर, हिंसा प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों ने आशंका जाहिर की है कि हिंसा के पीछे राजनीतिक कनेक्शन है। बताया जा रहा है गुड्डू शेख नाम का शख्स जो ऑटो यूनियन को कंट्रोल करता है, उसी ने लोगों को इकट्ठा किया था। उसके कई बड़े नेताओं के साथ राजनीतिक संबंध हैं।
गौरतलब है कि, 30 मार्च को रामनवमी के अवसर पर हावड़ा और दिनाजपुर जिले में विश्व हिंदू परिषद ने जुलूस निकाला था। इस दौरान जूलूस पर पत्थरबाजी हुई थी, जिसके बाद दो समुदाय आमने-सामने आ गए थे। इस हिंसा में 2 पुलिसवालों समेत करीब 15 लोग घायल हुए थे। इसके साथ ही उपद्रवियों ने 10 वाहनों को आग के हवाले कर दिया था और कई दुकानों मे तोड़फोड़ की थी। हिंसक घटनाओं के बाद पुलिस ने करीब 40 लोगों को गिरफ्तार किया था।