नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल में आधार को निष्क्रिय किए जाने को लेकर वार-पलटवार का दौर जारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि एनआरसी लाने से पहले पश्चिम बंगाल में आधार कार्ड निष्क्रिय किए जा रहे हैं। ज्यादातर मतुआ समुदाय के लोगों के आधार कार्ड को बर्बाद कर दिए गए है। उन्होंने कहा […]
नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल में आधार को निष्क्रिय किए जाने को लेकर वार-पलटवार का दौर जारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि एनआरसी लाने से पहले पश्चिम बंगाल में आधार कार्ड निष्क्रिय किए जा रहे हैं। ज्यादातर मतुआ समुदाय के लोगों के आधार कार्ड को बर्बाद कर दिए गए है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल के लोगों के किए गए आधार निष्क्रिय के बारे में पत्र लिखेंगी।
ममता बनर्जी ने कहा कि नाम काट रहे है, उन्हें हम एक अलग कार्ड देंगे। हम किसी भी गरीब के साथ गलत नहीं होने देंगे। हमने पश्चिम बंगाल सरकार का आधार शिकायत पोर्टल नाम पोर्टल तैयार किया है। जिनका आधार कार्ड काटा गया है ऐसे लोगों को यथाशीघ्र हमें कहना चाहिए ताकि वे अपने लोकतांत्रिक, समाजिक और आर्थिक अधिकारों का लाभ लेते रहें।
इसी बीच ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में विशेष रुप से एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों को निशाना बनाकर आधार कार्डों को लापरवाही से निष्क्रिय करने की कड़ी निंदा करती हूं। हम सभी भारत के नागरिक हैं। प्रत्येक नागरिक पश्चिम बंगाल सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकता है। भले ही उनके पास आधार कार्ड हो या ना हो।
इससे पहले बंगाल भाजपा अध्यक्ष डॉ. सुकांत मजूमदार ने बताया कि आधार कार्ड के निष्क्रिय होने को लेकर जो कुछ दिक्कतें देखी जा रही थी। इसके संबंध में मैंने केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ आज बात की है। उन्होंने कहा कि निष्क्रियता ऑफिशियल गलती के चलते हुई थी। इसके चलते बंगाल में करीब 54 हजार लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय हो गए थे। वहीं सोमवार यानी 19 फरवरी को सभी आधार कार्ड फिर से जुड़ जाएंगे।
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