नई दिल्ली: दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी यूपी के बाद आज मध्य यूपी के कई इलाकों में धूल भरी आंधी के साथ तेज हवा चली। सुबह अंधेरा था और बहुत बारिश हुई। यूपी के मेरठ, पश्चिमी नोएडा जैसे शहरों के साथ ही लखनऊ समेत मध्य यूपी के कई शहरों में भी तेज हवाओं के बाद बारिश […]
नई दिल्ली: दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी यूपी के बाद आज मध्य यूपी के कई इलाकों में धूल भरी आंधी के साथ तेज हवा चली। सुबह अंधेरा था और बहुत बारिश हुई। यूपी के मेरठ, पश्चिमी नोएडा जैसे शहरों के साथ ही लखनऊ समेत मध्य यूपी के कई शहरों में भी तेज हवाओं के बाद बारिश हुई। हालांकि बारिश और तेज हवा से लोगों को थोड़ी राहत मिली है। ऐसे में अब लोगों के बीच यह सवाल है कि मानसून कब आएगा?
मौसम विज्ञान केंद्र के अभी के पूर्वानुमान की बात करें तो मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल से भारत में आता है। केरल में इस बार 4-5 दिन बाद मानसून के शुरू होने के आसार हैं। IMD ने केरल में मानसून के आगमन में 4 दिन की देरी के उम्मीद जताई है। मौसम विभाग का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से मानसून एक जगह पर रुका हुआ है।
मानसून एक मौसमी हवा है जो बारिश लाती है, मानसून वह हवा है जो अरब सागर से भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट की ओर आती है। जिससे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा होती है। ये मौसमी हवाएँ हैं जो दक्षिण एशियाई क्षेत्र में जून से सितंबर तक यानी चार महीने तक सक्रिय रहती हैं। दूसरे शब्दों में, मानसून शब्द का उपयोग वर्षा के उस चरण को शामिल करने के लिए किया जाता है जो मौसमी रूप से बदलते पैटर्न के साथ होता है।
मौसम विभाग की मानें तो, मानसून आमतौर पर अंडमान निकोबार द्वीप समूह में 22 मई को पहुंचता है, जो इस बार 19 मई को समय से पहले पहुंच गया। हालांकि पिछले शुक्रवार से इसकी रफ्तार थम गई है लेकिन अगले दो से तीन दिनों में पूरे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को कवर करने की उम्मीद है। केरल में मानसून के आगमन की बात करें तो यह आमतौर पर 1 जून को आता है लेकिन इस बार इसमें 4 दिन तक की देरी होने के आसार है। मौसम विभाग ने पहले ही कहा था कि मानसून इस बार 4 दिन लेट हो सकता है।
बता दें कि भारतीय मौसम विभाग ने कहा था कि मानसून 4 जून को केरल आ सकता है। IMD के अनुसार, इस साल केरल में मानसून की शुरुआत बाकी दिनों से थोड़ा देर से हो सकती है। बताया जा रहा है कि केरल में 4 जून से मानसून की शुरुआत हो सकती है। जानकारी के लिए बता दें, यह तारीख एक दम सटीक नहीं होती है। इसमें 4 दिन आगे या पीछे होने की उम्मीद बनी रहती है।