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Weather update:दिल्ली समेत उत्तर भारत में जारी रहेगी ठंड की कहर, मौसम विभाग ने दिया अपडेट

नई दिल्लीः दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी हाल फिलहाल कड़ाके की ठंड से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। बीच-बीच में तापमान में गिरावट या वृद्धि भले होती रहे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सर्दी खत्म हो है। बताया जा रहा है कि ठिठुरन भरी ठंड इस बार […]

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Weather update:दिल्ली समेत उत्तर भारत में जारी रहेगी ठंड की कहर, मौसम विभाग ने दिया अपडेट
  • January 23, 2024 10:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्लीः दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी हाल फिलहाल कड़ाके की ठंड से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। बीच-बीच में तापमान में गिरावट या वृद्धि भले होती रहे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सर्दी खत्म हो है। बताया जा रहा है कि ठिठुरन भरी ठंड इस बार फरवरी के मध्य तक रह सकती है।

बदला हुआ है मौसम का पैटर्न

विज्ञानियों के मुताबिक मजबूत पश्चिमी विक्षोभों के आने से अबकी बार मौसम का पैटर्न थोड़ा बदला हुआ है। हवाएं मंद चल रही हैं, नमी 90 फीसदी तक बनी हुई है। बारिश भी नहीं हो रही। इसके चलते दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश में कोहरे की स्थिति बनी हुई है। बादल भी निचले स्तर पर बन रहे हैं।

इन्हीं कारणों से सूरज का ताप ढ़ग से धरती तक नहीं पहुंच पा रहा है और कभी शीत तो कभी शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। मैसम वैज्ञानिक बताते हैं कि इस स्थिति में अभी अगामी कुछ दिनों में भी बदलाव के आसार नहीं है। वहीं 26 जनवरी के आसपास एक नया पश्चिमी विक्षोभ सामने सक्रिय हो रहा है। जिसके चलते मैदानी इलाके में तो नहीं लेकिन पहाड़ो पर बर्फबारी हो सकती है।

कब तक रहेगी ठंड

उत्तर पश्चिमी हवाओं के जरिये इस बर्फबारी की ठंडक फिर समूचे उत्तर भारत को कंपा सकती है। 30-31 जनवरी को फिर एक और पश्चिमी विक्षोभ आने का अनुमान जताया गया है। विज्ञानियों के अनुसार अनुमान है कि इन परिस्थितियों के चलते ठिठुरन भरी ठंड का असर मध्य फरवरी तक भी बना रह सकता है। अगर कोल्ड डे अथवा शीतलहर वाली स्थिति फिर से बन जाए तो भी अतिश्योक्ति नहीं।

बारिश हो जाए तो मौसम का पैटर्न बदल सकता है लेकिन इस महीने तो ऐसी कोई आशंका लग नहीं रही। पीछे मुड़कर देखें तो पिछले वर्ष भी दिसंबर में न बर्फबारी हुई थी और न ही बरसात। इस साल भी कमोबेश वैसे ही हालत बन रहे हैं। अबकी बार तो दिसंबर क्या, जनवरी में भी बारिश नहीं हुई। ठंड भी दिसंबर के बजाय जनवरी में ही जोरदार पड़ रही है और फरवरी तक जाने लगी है। मौसम चक्र के इस तरह आगे खिसकने के पीछे विज्ञानी जलवायु परिवर्तन के असर से भी मना नहीं करते है।

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