नई दिल्ली: दिल्ली में हर साल मानसून आते ही जलभराव की स्थिति पैदा हो जाती है, लोगों को घंटों एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। कई मौकों पर जलभराव की स्थिति जानलेवा भी हो जाती है।
बीती रात दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर में हुए बेसमेंट कांड ने पूरे देश में हलचल मचा रखी है। यहां एक IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की डूबने से मौत हो गई। बेसमेंट में कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी थी जहां हर समय लगभग 30 से 35 छात्र पढ़ते थे। इस दर्दनाक घटना ने दिल्ली पर एकबार फिर सवालिया निशान खड़े कर दिए है। आखिर कब तक दिल्ली में जलभराव की समस्या ऐसी ही रहेगी?
आजादी के इतने सालों बाद भी दिल्ली में वाटर लॉगिंग की समस्या का कोई समाधान नहीं मिला है। दिल्ली में जलभराव की रोकथाम के लिए कोई भी स्थायी प्लान तैयार नहीं है। यहां 2 घंटों की बारिश पूरी दिल्ली की रफ्तार को धीमा कर देती है, हर सड़क, हर गली में और अंडरपास तालाब बन जाते हैं। दिल्ली सरकार और MCD के पास मोटर पंपों वाले प्लान के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। इसके जरिए वे हर बार बरसात हो जाने के बाद मोटर पंपों की मदद से पानी की निकासी करते हैं ताकि जलभराव खत्म हो सके।
देश की राजधानी दिल्ली बरसात के बाद दरिया बन जाती है, यहां का ड्रेनेज सिस्टम हर साल फेल हो जाता है, यहां का मौजूदा सीवेज सिस्टम गाद और सिल्ट की वजह से जाम हो जाता है। हर बारिश में मैनहोल्स ओवरफ्लो हो जाते हैं, यहां ड्रेनेज के पाइप्स कहीं ज्यादा छोटे तो कहीं हद से ज्यादा मोटे हैं साथ ही ये पाइपलाइन सालों पुरानी है। आंकडों में पाया गया कि दिल्ली का ये ओल्ड ड्रेनेज सिस्टम सिर्फ 50 mm तक बारिश को झेल सकता है।
दिल्ली में जलभराव का एक कारण यहां की सड़के भी है, इन सड़कों का डिजाइन काफी पुराना और खराब स्थिति में है। दिल्ली की कई सड़कों को सही से डिजाइन भी नहीं किया गया है। कुछ जगहों पर निचले इलाकों में ड्रेनेज सिस्टम खराब होने से सड़क पर पानी जमा हो जाता है। इसके अलावा साफ-सफाई में लापरवाही से भी ऐसा होता है, सफाई कर्मचारी नालों के आसपास कूड़ा कचरा छोड़ देते है जिससे नालियां बंद हो जाती है और जलभराव हो जाता है।
दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम को नए मास्टर प्लान की जरूरत
जलभराव का संकट दिल्ली के लोगों के लिए सबसे बड़ा है इससे राहत पाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन सिंह और मनमीत अरोड़ा ने दिल्ली के मुख्य सचिव से नालों की सफाई कब तक होने पर सवाल किए। कोर्ट ने सचिव से नालों की सफाई की पूरी रिपोर्ट सौंपने के आदेश भी दिए है। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि दिल्ली को जल्द ही नए मास्टर प्लान की जरूरत है।
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