भारत भीषण गर्मी की चपेट में है। मार्च में ही रिकॉर्ड तोड़ तापमान दर्ज किए जाने के साथ ही इस बार भारत के अधिकांश हिस्सों में भीषण लू ने अपनी चपेट में ले लिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कम से कम पांच राज्यों के लिए लू की चेतावनी की घोषणा की […]
भारत भीषण गर्मी की चपेट में है। मार्च में ही रिकॉर्ड तोड़ तापमान दर्ज किए जाने के साथ ही इस बार भारत के अधिकांश हिस्सों में भीषण लू ने अपनी चपेट में ले लिया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कम से कम पांच राज्यों के लिए लू की चेतावनी की घोषणा की है क्योंकि भारत में अब तक की सबसे ज्यादा गर्मी देखी जा रही है और देश के बड़े हिस्से में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है।
मौसम विभाग ने पहले सप्ताह तक कम से कम अगले पांच दिनों तक लू चलने का अनुमान जताया जा रहा है। चेतावनी की घोषणा पांच राज्यों- राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में की गई है।
इस बीच, दिल्ली के कुछ हिस्सों में 46 डिग्री सेल्सियस की छलांग लग सकती है। अप्रैल 1941 में राजधानी का सर्वकालिक उच्च अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस था।
भारत भर के कई राज्य कोयले की भारी कमी का सामना कर रहे हैं, जिसके कारण भीषण गर्मी के बीच बिजली की कटौती हुई है। राज्य बिजली की रिकॉर्ड मांग को प्रबंधित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और बिजली संयंत्रों में कम फ़ीड स्टॉक का सामना कर रहे हैं।
तापमान बढ़ने के साथ ही जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक पूरे देश में 2 घंटे से 8 घंटे तक ब्लैकआउट देखा जा रहा है।
गर्मी की वजह से महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बिजली की मांग में भी तेजी आई है। भीषण गर्मी के बीच बिजली की बढ़ती मांग का प्रबंधन करने के लिए गुजरात, आंध्र प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में औद्योगिक गतिविधियां बाधित हुई हैं।
पश्चिम बंगाल ने भीषण गर्मी के कारण शैक्षणिक संस्थानों के लिए 2 मई तक गर्मियों की शुरुआती छुट्टियों की घोषणा की है। मौसम विशेषज्ञ उत्तर भारत पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति के लिए तीव्र गर्मी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को जोड़ा है।
बॉलीवुड: दिग्गज अभिनेता सलीम घौस का निधन, खलनायक किरदारों से मिली थी पहचान
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर साधा निशाना, पुलिस लाउडस्पीकर हटाएगी तो कानून व्यवस्था पर काम कब करेगी