नई दिल्ली। देश की ‘खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग’ यानि डीएफपीडी का लक्ष्य 2024 तक भारतीय खाद्य निगम के भंडार घरों को अत्याधुनिक बनाना है। जिसके तहत भारत के 249 स्थानों पर 111.125 लाख मीट्रिक टन क्षमता के भंडारण घरों का निर्माण होने वाला है। बता दें कि रेलवे स्टेशनों से जुड़े भंडारण केंद्रों को […]
नई दिल्ली। देश की ‘खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग’ यानि डीएफपीडी का लक्ष्य 2024 तक भारतीय खाद्य निगम के भंडार घरों को अत्याधुनिक बनाना है। जिसके तहत भारत के 249 स्थानों पर 111.125 लाख मीट्रिक टन क्षमता के भंडारण घरों का निर्माण होने वाला है। बता दें कि रेलवे स्टेशनों से जुड़े भंडारण केंद्रों को और मॉडल भंडारण और आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जाना है।
देश में यूपी समेत पांच राज्यों में अनाज भंडारण का बुनियादी ढांचा जल्द ही अत्याधुनिक तकनीक से युक्त होने वाला है। इसके लिए ‘खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग’ (डीएफपीडी) को राज्यों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। डीएफपीडी को कई राज्यों से 14 अनाज भंडारण गृहों के लिए कुल 38 तकनीकी आवेदन मिले हैं।
बता दें कि डीएफपीडी विभाग का लक्ष्य 2024 तक इन भंडारघरो को आज के जमाने के हिसाब से अत्याधुनिक बनाना है। इस मॉडल में रूचि दिखाते हुए उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 14 स्थानों के लिए 38 बोलियां लगाई गई हैं। अब तक 15 संभावित पार्टियों के नाम सामने आ रहे हैं जिन्होंने इस योजना में रूचि दिखाई है।
दरअसल, अनाज को दो समूहों में रखा जाता है। इनमें से एक श्रेणी उन अनाजों की होती है जिनका उपयोग तुरंत किया जाता है, ठीक इसी तरह दूसरी श्रेणी उनकी होती हैं जिनका प्रयोग कुछ समय बाद किया जाता है। ऐसे प्रथम श्रेणी के आनाजों को उत्पादन से सीधे भंडारण गृह में डाला जाता है। इसी के कारण इनके लिए दो तरह के अत्याधुनिक भंडार घर बनाने के लिए प्रस्ताव दिए गए थे।
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