नई दिल्ली: केन्द्र सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर लगाम लगाने वाली है। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में वक्फ एक्ट अधिनियम में 40 संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद से देश में सियासत गरमा गई है। विपक्ष सरकार के इस कदम को अल्पसंख्यक विरोधी बता रहा है। आज हम […]
नई दिल्ली: केन्द्र सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर लगाम लगाने वाली है। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में वक्फ एक्ट अधिनियम में 40 संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद से देश में सियासत गरमा गई है। विपक्ष सरकार के इस कदम को अल्पसंख्यक विरोधी बता रहा है। आज हम आपको बताते हैं कि वक्फ अधिनियम क्या है और इसमें क्या बदलाव होने वाले हैं।
वक्फ अधिनियम 1954 में पारित किया गया था जिसमें पहला संशोधन 1995 में किया गया और फिर दूसरा संशोधन 2013 में हुआ। इस अधिनियम के तहत अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर अपना दावा करता है तो वो उसकी हो जाएगी। वक्फ बोर्ड को इसे साबित करने के लिए कोई सबूत देने की जरूरत नही है। संपत्ति का मालिक उसे वापस पाने के लिया न्याय मांगने अदालत भी नहीं जा सकता। यहां तक कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार या अदालतें भी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं। वक्फ संपत्ति का इस्तेमाल सिर्फ मुसलमान ही कर सकते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि वक्फ बोर्ड सशस्त्र बलों और भारतीय रेलवे के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा जमीनी मालिक है। देश भर में वक्फ के पास करीब 52,000 संपत्तियां हैं। वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का अनुमानित मूल्य 1.2 लाख करोड़ रुपये है।
यूपी में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं। यूपी में सुन्नी बोर्ड के पास कुल 2 लाख 10 हजार 239 संपत्तियां हैं, जबकि शिया बोर्ड के पास 15 हजार 386 संपत्तियां हैं। हर साल हजारों लोग वक्फ के तौर पर बोर्ड को संपत्ति दान करते हैं, जिससे इसकी संपत्ति बढ़ती रहती है।
आपको बता दें दुनिया के किसी भी देश में वक्फ बोर्ड के पास इतने अधिकार नहीं हैं। सऊदी या ओमान में भी ऐसा कानून नहीं है। भारत में कुल 30 वक्फ बोर्ड है जिनकी संपत्तियों से लगभग 200 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान है।
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