नई दिल्ली: केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड पर लगाम लगाने की पूरी तैयारी कर चुकी है। मोदी सरकार आज संसद में वक्फ बोर्ड के अधिकारों को कम करने के लिए दो विधेयक पेश करने वाली है। इस बिल में सरकार बोहरा-आगाखानी के लिए अलग वक्फ बोर्ड का प्रावधान करेगी और किसी की संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने के अधिकार से जुड़ी धारा 40 को खत्म कर देगी।
केंद्र सरकार का उद्देश्य
केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि विधेयक लाने का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन करना है। नए विधेयक में वक्फ अधिनियम 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता विकास अधिनियम करने का प्रावधान है।
वक्फ अधिनियम में क्या बदलने वाली है केंद्र सरकार?
- मौजूदा कानून के मुताबिक राज्य और केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों में दखल नहीं दे सकती लेकिन संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्ति का पंजीकरण जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में कराना होगा, ताकि संपत्ति का मूल्यांकन हो सके और राजस्व की जांच हो सके।
- बोर्ड के रूपरेखा में भी बदलाव किया जाएगा और इसमें महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। राज्यों में वक्फ बोर्ड में महिला सदस्य शामिल होंगी। हर राज्य बोर्ड में दो और केंद्रीय परिषद में दो महिलाएं होंगी। अभी तक महिलाएं वक्फ बोर्ड और परिषद की सदस्य नहीं हैं।
- वक्फ बोर्ड की विवादित संपत्तियों का सत्यापन किया जायेगा। यह कानून उन संपत्तियों पर भी लागू होगा जिन पर पहले से बोर्ड और किसी व्यक्ति या समूह द्वारा दावे- प्रतिवादे किए गए हैं। संशोधन के मुताबिक, बोर्ड द्वारा दावा की गई संपत्तियों का प्रमाण देना होगा।
- इसके अलावा कानून में संशोधन के बाद अब वक्फ न्यायाधिकरण के आदेश को 90 दिनों के भीतर हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी जबकि पहले न्यायलय या सरकार मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते थे।
- वक्फ अधिनियम की धारा 14 और 19 में भी बदलाव किया जाएगा जिससे केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड के ढांचे में बदलाव हो सकता है।
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