Modi सरकार के खिलाफ ‘अमेरिकी अखबार’ का विवादित विज्ञापन, Nirmala Sitaraman को बताया Wanted!

नई दिल्ली : बीते दिनों देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा पर एक बयान को लेकर खूब चर्चा में रहीं. भारतीय रुपया गिरने के पर एक विदेशी पत्रकार द्वारा किये गए सवाल पर उन्होंने कहा था कि रुपया गिर नहीं रहा है बल्कि डॉलर चढ़ रहा है. एक बार फिर […]

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Modi सरकार के खिलाफ ‘अमेरिकी अखबार’ का विवादित विज्ञापन, Nirmala Sitaraman को बताया Wanted!

Riya Kumari

  • October 17, 2022 4:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : बीते दिनों देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा पर एक बयान को लेकर खूब चर्चा में रहीं. भारतीय रुपया गिरने के पर एक विदेशी पत्रकार द्वारा किये गए सवाल पर उन्होंने कहा था कि रुपया गिर नहीं रहा है बल्कि डॉलर चढ़ रहा है. एक बार फिर उनका नाम किसी विवाद से जुड़ गया है. दरअसल इस बार निशाना निर्मला सीतारमण नहीं हैं बल्कि मोदी सरकार है. ये निशाना अमेरिका के मुख्य समाचार पात्र वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपे एक विज्ञापन को लेकर है. विज्ञापन में भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित 10 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को वॉन्टेड बताया गया है. अभी मोदी सरकार के नेताओं को विदेशी निवेशकों का विरोधी करार देते हुए ये संज्ञा दी गई है.

भारतीय सरकार पर आरोप

इस विज्ञापन ने भारत में विवाद खड़ा कर दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय निर्मला सीतारमण जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठकों में भाग लेने अमेरिका पहुंची हुई हैं. इसी महीने 13 अक्टूबर को प्रकाशित हुआ इस विज्ञापन में निर्मला सीतारमण के अलावा 10 केंद्रीय मंत्रियों के नाम हैं. इनमें एंट्रिक्स कॉर्प के चेयरमैन राकेश शशिभूषण, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सुप्रीम कोर्ट के जज हेमंत गुप्ता, वी रामसुब्रमण्यम, स्पेशल पीसी (भ्रष्टाचार निवारण) एक्ट जज चंद्रशेखर, सीबीआई डीएसपी आशीष पारीक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन का नाम शामिल है. इतना ही नहीं विज्ञापन में ईडी के सहायक निदेशक आर राजेश और उप निदेशक ए सादिक मोहम्मद का नाम भी शुमार है.

बाहरी निवेशकों के लिए बताया असुरक्षित

विज्ञापन में सभी मंत्रियों पर आरोप लगाया गया है कि इन्होंने सरकारी संस्थानों का गलत इस्तेमाल किया है. जिससे भारत बाहरी निवेशकों के लिए असुरक्षित बन गया है. इतना ही नहीं इस विज्ञापन के सबसे नीचे एक क्यूआर कोड है, जिसे स्कैन करने पर अमेरिकी थिंक टैंक फ्रंटियर्स ऑफ फ्रीडम की वेबसाइट खुलती है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता का दावा है कि इस अभियान को देवास मल्टीमीडिया के पूर्व सीईओ रामचंद्रन विश्वनाथन द्वारा चलाया जा रहा है. वह ट्वीट कर बताती हैं कि ”धोखेबाजों द्वारा अमेरिकी मीडिया को हथियार बनाना शर्मनाक है। यह चौंकाने वाला घिनौना विज्ञापन भारत और उसकी सरकार को टारगेट करने के लिए छापा गया है। क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे कौन है? यह अभियान भगोड़े रामचंद्र विश्वनाथन द्वारा चलाया जा रहा है, जो देवास के सीईओ थे।”

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