Voting on no confidence motion today: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नरेंद्री मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस और टीडीपी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग और बहस होनी है. आज एनडीए सरकार की चार साल में पहली बार अग्निपरीक्षा है जिस पर ससंद में करीब 7 घंटे बहस होनी है. आइए जानते हैं कौन से दल बीजेपी के साथ और कौन से दल से एनडीए को मिल सकता है चौंकाने वाला निर्णय.
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नरेंद्री मोदी सरकार इन चार सालों में पहली बार अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ेगा. संसद में कांग्रेस और टीडीपी द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है. आज खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहस में जवाब देंगे. 545 सदस्यों की लोक सभा में अभी 11 सीटें खाली हैं. इसलिए बहुमत का आंकड़ा 267 का है. वहीं एनडीए के पास 312 सीटें हैं जो खुद बहुमत के आंकड़े से कहीं ज्यादा है. इसीलिए भारतीय जनता पार्टी के डगमगाने का सवाल ही पैदा नहीं होता. हालांकि दो दिन पहले कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि उनके पास पूरे नंबर हैं. आइए आपको बताते हैं कि किसे किस पार्टी का सहयोग है और किसे नहीं.
पीएम नरेंद्र मोदी यानी बीजेपी के साथ हैं ये दल
शिरोमणि अकाली दल- पंजाब की पार्टी अकाली दल एनडीए में सहयोगी पार्टी है. इससे पहले अकाली दल और बीजेपी की सहयोग वाली सरकार पंजाब में थी. मौजूदा समय में पंजाब में कांग्रेस की सरकार है. बीजेपी को शिरोमणि अकाली दल का पूरा साथ है. वह मोदी सरकार के साथ है. मौजूदा समय में अकाली दल के 4 सांसद हैं.
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी)- एलजेपी के अध्यक्ष रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी सरकार के साथ हैं और वह मौजूदा समय में केंद्रीय खाद्य मंत्री हैं. इस समय एलजेपी के 6 सांसद हैं.
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू)- बिहार में बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन की सरकार है. जेडीयू अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग में बीजेपी को सहयोग करेगी. मौजूदा समय में जेडीयू के 2 सांसद है.
अपना दल- उत्तर प्रदेश की पार्टी अपना दल के मौजूदा समय में दो सासंद हैं. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल सरकार के साथ है.
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी)– अभी फिलहाल इनके 3 सासंद हैं. उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं.
अन्य दल- एनडीए के पूर्वोत्तर के कई क्षेत्रीय दल हैं. इन पार्टी के कुल मिलाकर 6 सांसद हैं. ये सभी मोदी सरकार के साथ हैं.
इन दलों पर होगी सभी की नजर
शिवसेना- शिवसेना पर सभी की नजरें गढ़ी हुई हैं. अभी तक शिवसेना ने साफ नहीं किया है कि वह वोटिंग में किसका सहयोग देने वाले हैं. अभी शिवसेना के 18 सांसद हैं.
एआईएडीएमके– मुख्यमंत्री पलनीसामी ने कहा है कि एआईएडीएमके अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेगी. संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एआईएडीएमके इस समय 37 सांसद हैं.
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) – अविश्वास प्रस्ताव को लेकर टीआरएस ने अभी तक साफ नहीं किया है कि वह किसका समर्थन करेगी. टीआरएस के 11 सांसद हैं.
बीजू जनता दल (बीजेडी)- नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी ने भी अपने सांसदों को विप जारी किया है और संसद में रहने को कहा है. अभी इनके 20 सांसद हैं.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) – ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी का निर्णय सामने नहीं आया है लेकिन माना जा रहा है कि यह मोदी सरकार के खिलाफ वोटिंग करेंगी. टीएमसी के 34 सांसद हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) – एनसीपी के प्रमुख शरद पवार हैं और इनके मौजूदा समय में 7 सांसद हैं.
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) – यूपीए की सहयोगी और विपक्ष की अहम पार्टियों में से एक आरजेडी ने साफ नहीं किया है कि वह वोटिंग में किसके साथ जाने वाले हैं. मौजूदा समय समय में आरजेडी के 4 सांसद हैं.
अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी जीत गए वक्त की बाजी !