Vodafone-Idea Shutting Down, Vodafone Idea Company ho rahi Band: आईएएनएस की रिपोर्ट का दावा है कि टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आईडिया बंद होने रही है. कहा जा रहा है कि कंपनी ने भारत छोड़ने की तैयारी कर ली है. संयुक्त उद्यम कंपनी, वोडाफोन-आइडिया में ऑपरेटिंग घाटे को कम करने के लिए किसी भी दिन ये अपनी कंपनी बंद करके भारत छोड़ने के लिए तैयार है. हालांकि वोडाफोन इंडिया की ओर से इस खबर का खंडन किया गया है. कंपनी का कहना है कि इस बारे में फैसला लेने का हक सिर्फ वोडाफोन इंटरनेशनल ग्रुप को है, इसलिए इस पर जवाब भी वोडाफोन ग्रुप ही दे सकता है. साथ ही वह कर्जदारों को लोन चुकाने में प्रतिबद्ध है.
नई दिल्ली. भारतीय टेलीकॉम सर्कल में अफवाहों का बाजार गर्म है. ताजा सुर्खियों के मुताबिक भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन भारत छोड़ कर जा सकती है और भारत में अपने सभी ऑपरेशन रोक सकती है. आईएएनएस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वोडाफोन-आइडिया अपने ऑपरेशन को बंद करने और भारत छोड़ने की तैयारी में है. हालांकि वोडाफोन इंडिया की तरफ से इन खबरों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बीएसई को दिए गए जवाब में वोडाफोन इंडिया ने साफ किया है कि कंपनी को इस बारे में जानकारी नहीं है. इस पर टिप्पणी सिर्फ वोडाफोन ग्रुप कर सकता है. बता दें कि अगर वोडाफोन-आइडिया ने अपना परिचालन बंद कर दिया और भारत छोड़ दिया, तो यह दूरसंचार उद्योग और 38 करोड़ उपयोगकर्ताओं के लिए के लिए भारी झटका होगा.
दरअसल आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, वोडाफोन-आइडिया ने अपने भारतीय परिचालन को छोड़ने पर विचार किया और पैक अप करके वो अब किसी भी दिन देश छोड़ देंगे. वहीं वोडाफोन-आईडिया की तरफ से इस जानकारी के लिए कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस, वोडाफोन ग्रुप पीएलसी के ग्रुप हेड बेन पडोवन से संपर्क करने के लिए कहा गया है.
इस खबर के बारे में अभी तक कोई जवाब या पुष्टि नहीं हुई है. बढ़ते नुकसान, और उनके उपयोगकर्ताबेस में बड़े पैमाने पर कमी को उनके बंद होने का संभावित कारण बताया जा रहा है. वोडाफोन के इस संभावित बंद के बारे में अफवाहें फैलने लगीं हैं. कुछ दिनों पहले कहा गया कि वोडाफोन-आइडिया कर्ज की वापसी का प्रयास कर रहा है और इसके लिए वे अपने ऋणदाताओं से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं.
हालांकि वोडाफोन की ओर से इस खबर का खंडन किया गया था. उन्होंने एक बयान में कहा, कुछ मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आई है जिसमें आरोप लगाया गया है कि वोडाफोन आइडिया ने कर्ज देने के लिए अपने ऋणदाताओं से संपर्क किया है. हम स्पष्ट रूप से इनकार करते हैं और इसे निराधार और तथ्यात्मक रूप से गलत मानते हुए खारिज करते हैं. हमने किसी भी ऋणदाता को कर्ज की अदायगी के लिए कोई अनुरोध नहीं किया है और न ही भुगतान की शर्तों के बारे में पूछा है. हम अपने सभी ऋणों का भुगतान तब करते रहते हैं जब ये देय होते हैं. दिलचस्प बात यह है कि संभावित बंद के बारे में खबर ऐसे समय में आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन-आइडिया को एजीआर के मुद्दे पर 28,300 करोड़ रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया है.
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