Lucknow: लखनऊ प्रयागराज : कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए इलहाबाद हाइकोर्ट ( Allahabad court ) में जजों की प्रशासनिक समिति की बैठक हुई । इसमें तय हुआ कि मुकदमों की वर्चुअल सुनवाई होगी। इलाहाबाद और इसकी लखनऊ बेंच की केसों की ऑनलाइन सुनवाई (Online Virtual Hearing) की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट(SC) के बाद इलाहाबाद […]
प्रयागराज : कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए इलहाबाद हाइकोर्ट ( Allahabad court ) में जजों की प्रशासनिक समिति की बैठक हुई । इसमें तय हुआ कि मुकदमों की वर्चुअल सुनवाई होगी। इलाहाबाद और इसकी लखनऊ बेंच की केसों की ऑनलाइन सुनवाई (Online Virtual Hearing) की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट(SC) के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट(Allahabad High Court) ने भी ये फैसला लिया वर्चुअल सुनवाई(Virtual Hearing) का ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad court ) के कार्यालय ने सभी सरकारी वकीलों को मुख्य स्थाई अधिवक्ता कार्यालय में आने को सूचित किया है। ताकि वे सोमवार से ऑनलाइन बहस के लिए तैयार हो जाए । हाईकोर्ट प्रशासनिक कमेटी(High Court Administrative Committee) के सीनियर जजों(Senior Judges) ने यह फैसला बार एसोसिएशन(Bar Association) के पदाधिकारियों से बातचीत के बाद किया। चीफ जस्टिस राजेश बिंदल(Chief Justice Rajesh Bindal) की अगुवाई में प्रशासनिक कमेटी के इस फैसले को बार एसोसिएशन को अवगत करा दिया गया है।
कोरोना के बढ़ते केसेस को देखते हुए पहले सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली और गुजरात हाई कोर्ट(Gujarat High Court) के बाद अब इलाहाबाद कोर्ट ने भी फैसला किया, आज से वर्चुअल सुनवाई की जाएगी। आगे की आदेशों तक फिजिकल मुकदमों(physical cases)की सुनवाई की व्यवस्था को फिलहाल टाल दिया गया है. मुकदमों की वर्चुअल सुनवाई के लिए यूज़र फ्रेंडली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग(User Friendly Video Conferencing) की व्यवस्था लागू की जाएगी है। इसके लिए सिस्को वेब एक्स इवेंट प्लेटफ़ॉर्म(Cisco Web X Event Platform) को अपनाने का फैसला किया है। किसी कारणवश वकील अपने केसों में कनेक्ट नहीं हो पाते । तब वह किसी आदेश को पारित ना करें। बेशक उस केस पर अगली तारीख दे दी जाये।
इससे पहले जब कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने दस्तक दी थी। तब उस दौरान भी दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमों की सुनवाई वर्चुअल की गई थी। वकीलों ने फिजिकल सुनवाई बंद कर दी थी। जब कोरोना संक्रमण की देश और प्रदेश में कमी आई. उसके बाद ही केसों की फिजिकल सुनवाई करने की हाईकोर्ट ने इजाजत दी थी।