नई दिल्ली: बांग्लादेश में इस वक़्त विरोध प्रदर्शन जारी है और इस प्रदर्शन में करीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं इस प्रदर्शन के कारण बांग्लादेश की पीएम शेक हसीना की मुसीबतें इतनी बढ़ गई कि उन्हें इस्तीफ़ा तक देना पड़ा. यह विरोध प्रदर्शन कब शुरू हुआ और इसके पीछे का कारण क्या […]
नई दिल्ली: बांग्लादेश में इस वक़्त विरोध प्रदर्शन जारी है और इस प्रदर्शन में करीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं इस प्रदर्शन के कारण बांग्लादेश की पीएम शेक हसीना की मुसीबतें इतनी बढ़ गई कि उन्हें इस्तीफ़ा तक देना पड़ा. यह विरोध प्रदर्शन कब शुरू हुआ और इसके पीछे का कारण क्या है. आइये शुरुआत से जानते है.
बांग्लादेश में कोटा प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन 5 जून 2024 को शुरु हुआ. यह प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों और अन्य लोगों के लिए 56 प्रतिशत कोटा देने का आदेश दिया। 56 प्रतिशत आरक्षण में स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को सरकारी नौकरियों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. वहीं महिलाओं को 10 प्रतिशत दिया गया. इसके अलावा 10 आरक्षण विभिन्न जिलों के लिए तय किया गया. इसके अलावा 6 प्रतिशत आरक्षण अल्पसंख्यकों को दिया गया.
आरक्षण के इस फैसले के खिलाफ जनता में असंतोष फैल गया, जिससे 12 जुलाई 2024 को प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। इसके तहत प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम लगा दिया और दुकानों और गाड़ियों आगज़नी की।
14 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को “रजाकार” कहकर संबोधित किया। इससे प्रदर्शनकारियों के बीच और अधिक आक्रोश फैल गया। 19 जुलाई 2024 को हिंसा ने भीषण रूप ले लिया। इस कारण एक ही दिन में 60 से अधिक लोग मारे गए। 20 जुलाई को, आंदोलन से जुड़े एक छात्र नेतृका नाहिद इस्लाम को पुलिस ने हिरासत में लिया और कथित तौर पर उसकी पिटाई की गई ।
26 जुलाई 2024 को पुलिस ने छात्र आंदोलन से जुड़े 6 और लोगों को हिरासत में लिया। इस दौरान, हिंसा और अस्थिरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 27 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया और कोटा को 7 प्रतिशत तक सीमित कर दिया। इसमें 5 प्रतिशत स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों और 2 प्रतिशत दिव्यांगों के लिए आरक्षित है.
4 अगस्त 2024 को प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाने की मांग की गई. इससे स्थिति और भी गंभीर हो गई. इस राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल के कारण करीब 100 लोगों की मौत गई। 5 अगस्त 2024 को विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और बांग्लादेश छोड़ भारत आ गई है. वहीं अब सेना द्वारा बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाने की योजना है।
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