असम-मेघालय सीमा पर हिंसा: शिलांग। असम-मेघालय बॉर्डर डिस्प्यूट के चलते सरकार ने 7 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। दरअसल इन इलाकों में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। इन जगहों में इंटरनेट निलंबन 26 नवंबर को सुबह 10 बजकर 30 मिनट से शुरू हो गया है। इससे पहले मेघालय […]
शिलांग। असम-मेघालय बॉर्डर डिस्प्यूट के चलते सरकार ने 7 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। दरअसल इन इलाकों में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। इन जगहों में इंटरनेट निलंबन 26 नवंबर को सुबह 10 बजकर 30 मिनट से शुरू हो गया है। इससे पहले मेघालय की राजधानी शिलांग में गुरुवार शाम को उपद्रवियों ने ट्रैफिक बूथ में आग लगा दी और एक सिटी बस समेत तीन पुलिस वाहनों पर हमला कर दिया। इस घटना के बाद वहां तनाव की स्थिति व्याप्त हो गई। यह घटना 22 नवंबर कोअसम-मेघालय सीमा पर हुई हिंसा के विरोध में कुछ समूहों द्वारा आयोजित मोमबत्ती जुलूस के दौरान हुई।
मेघालय सरकार ने असम-मेघालय हिंसा मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) डॉ. एल.आर.बिश्नोई ने कहा कि हालात पर हम नजर बनाए हुए हैं, एक-दो दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी। सात सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व आईजी स्तर का अधिकारी करेगा। उन्होंने कहा कि हमने राज्य की सीमाओं को बंद नहीं किया है, बल्कि सुरक्षा के लिए केवल एडवाइजरी जारी की थी। पर्यटकों सहित सभी की सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। पर्यटक आ जा रहे हैं, हालात में काबू में आ रहा है। एक से दो दिन में स्थिति बिल्कुल सामान्य हो जाएगी।
असम-मेघालय सीमा पर हुई हिंसा में छह लोगों की मौत के बाद सरकार पूरी तरह सतर्क है। मेघालय सरकार ने 26 नवंबर से सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं के निलंबन को 48 घंटे के लिए और बढ़ा दिया है। पुलिस की माने तो सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि में कानून और व्यवस्था को गंभीर रूप से भंग करने की क्षमता है। यह फैसला मेघालय और असम के बीच सीमा पर हुई हिंसा में 6 लोगों की मौत के बाद लिया गया है।
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