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Vikram Sarabhai 100th Birthday: भारत को अंतरिक्ष में पहुंचाने वाले डॉ विक्रम साराभाई की 100वीं जयंती पर गूगल ने डूडल बनाकार किया विश, जानिए उनके बारे में सबकुछ

नई दिल्ली. भारत को अंतरिक्ष तक पहुंचाने वाले वैज्ञानिक विक्रम साराभाई को इंडियन स्पेस के फादर यानी जनक कहा जाता है. जिन्हें आज गूगल ने भी डूडल बनाकर सलाम कहा है. साराभाई का जन्म 12 अगस्त, 1919 को आज ही के दिन हुआ था. साराभाई ने 15 अगस्त 1969 को इंडियन स्पेस रीसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) की स्थापना की थी. इनका इस क्षेत्र में अमूल्य योगदान रहा है जिसकी वजह से पूरा विश्व इन्हें सलाम करता है. विक्रम साराभाई का निधन 52 साल की उम्र में 30 दिसंबर, 1971 को हुआ.

डॉ विक्रम साराभाई की निजी जिंदगी, शिक्षा

डॉ. साराभाई का जन्म जैन व्यापारी परिवार में हुआ था. बताया जाता है कि उनके पिता अंबालाल साराभाई एक संपन्न उद्योगपति थे. उनके आठ बहन भाई थे. उस दौरान इंटरमीडिएट विज्ञान की परीक्षा पास करने केबाद उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया. इसमें सफल होने के बाद वह इंग्लैंड चले गए और पारिवारिक मित्र रबींद्रनाथ टैगोर की मदद से ‘केम्ब्रिज विश्वविद्यालय’ के सेंट जॉन कॉलेज में चले गए. द्वितीय विश्वयुद्ध के चलते वह दोबारा भारत लौट आए और उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान को ज्वाइन किया. इस दौरान नोबेल पुरस्कार विजेता सी. वी. रमन के अंतर्गत उन्होंने काम करना शुरू किया.

साराभाई ने शुरू से ही आजादी के आंदोलनों और कपड़ा मिलों में काम करने वाले मजदूरों के संघर्षों के बारे मे सुना था जिसके चलते वह विज्ञान व स्पेस प्रोग्राम का इस्तेमाल भारत के गरीब लोगों की मदद करना चाहते थे. इतना ही नहीं साराभाई उनकी मां और बहन को आजादी आंदोलन के चलते जेल जाना पड़ा. अपनी छोटी बहन की अचानक बीमारी से मौत हो जाने के बाद उन्होंने बेहतर टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने का निश्चय किया.

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक

साराभाई ने नवंबर 1963 में पहला ब्लास्ट-ऑफ हुआ और विक्रम ने घर पर टेलिग्राम भेजकर रॉकेट शॉट की खबर दी. साराभाई ने ही अल्फा कणों पर अध्ययन और मौसम विज्ञान पर शोध कार्य किया. इतना ही नहीं डॉ साराभाई ने ही उद्योगों में कंप्यूटर का प्रयोग करने वाले प्रथम वैज्ञानिक थे. उनका सपना था कि सेटेलाइट और दूरदर्शन को देश में शिक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाए. उन्होंने ही अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में थुंबा में रॉकेट लॉन्चिग केंद्र की स्थापना की.

डॉ विक्रम साराभाई अवॉर्ड्स

विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में डॉक्टर विक्रम साराभाई को ढेरों उपलब्धियां मिली हैं. उन्हें पद्म भूषण 1966 में तथा 1972 में पद्म विभूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.
डॉ विक्रम साराभाई द्वारा इन संस्थानों की स्थापना
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल), अहमदाबाद
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (आईआईएम), अहमदाबाद
कम्यूनिटी साइंस सेंटर, अहमदाबाद
दर्पण अकाडेमी फ़ॉर परफ़ार्मिंग आर्ट्स, अहमदाबाद
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम
स्पेस अप्लीकेशन्स सेंटर, अहमदाबाद
फ़ास्टर ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर (एफ़बीटीआर), कल्पकम
वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन प्रॉजेक्ट, कोलकाता
इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड(ईसीआईएल), हैदराबाद
यूरेनियम कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड(यूसीआईएल), जादूगुडा, बिहार

Aanchal Pandey

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