नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल जंग (Kargil War) के दौरान भारत के कई जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देने में थोड़ा भी संकोच नहीं किया था। उन जवानों में विक्रम बत्रा का नाम सबसे उपर लिया जाता है जिनकी वीरता और साहस के किस्से आज भी हर घर सुनाई देती हैं। बता दें […]
नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल जंग (Kargil War) के दौरान भारत के कई जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देने में थोड़ा भी संकोच नहीं किया था। उन जवानों में विक्रम बत्रा का नाम सबसे उपर लिया जाता है जिनकी वीरता और साहस के किस्से आज भी हर घर सुनाई देती हैं। बता दें कि कारगिल युद्ध के हीरो रहे जवानों पर कई बॉलीवुड फिल्में बन चुकी है। वहीं हाल में ही आई मूवी शेरशाह में विक्रम बत्रा का रोल सिद्धार्थ मल्होत्रा नजर आए थे। जिसको दर्शको द्वारा खूब पसंद किया गया था।
कोरोना काल के दौरान ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आई फिल्म शेरशाह एक शहीद की असली बहादुरी पर केंद्रित है। फिल्म शेरशाह खास तौर पर दिखाया जाता है कि हमारी सेना के जांबाजों ने कैसे 16 हजार से 18 हजार फीट ऊंची ठंडी-बर्फीली चोटियों पर चढ़ते हुए कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन देश पाकिस्तानी फौज को परास्त किया था। जिनमें कैप्टन विक्रम बत्रा और उनके जैसे बहादुर जवानों को दिखाया गया था। बहादुर जवानों की बदौलत तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ के आदेश पर हमारी सीमा में घुसी पाकिस्तानी सेना को ठिकाने लगाया था। बॉलीवुड फिल्म शेरशाह में विक्रम बत्रा की भूमिका सिद्धार्थ मल्होत्रा ने निभाई थी।
शेरशाह के अलावा और भी देशभक्ति फिल्में बॉलीवुड में बन चुकी है जिसको देखकर हम अपने देश के असली हीरो को नजदीक से पहचान सकते हैं। इन फिल्मों में LOC कारगिल, लक्ष्य, टैंगो चार्ली, धूप, मौसम और बॉर्डर महत्वपूर्ण है
कैप्टन विक्रम बत्रा ने कारगिल युद्ध में दुश्मन को छक्के छुड़ा दिए थे। कैप्टन बत्रा का जन्म 1974 में हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में हुआ था। कैप्टन 1996 जून में मानेकशां बटालियन में आईएमए (IMA) में शामिल हुए थे। अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उनको बटालियन, 13 जेएके आरआईएफ को उत्तर प्रदेश जाने का आदेश मिला था। 5 जून को बटालियन का दोबारा आदेश आया और उनको द्रास, जम्मू और कश्मीर स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया। कैप्टन बत्रा को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है।
आज पूरे भारत में कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जा रहा है। कारगिल विजय दिवस के मौके पर देश के लिए कुर्बानी देने वाले सैंकड़ो भारत मां के सपूतों को उनके शौर्य के लिए याद किया जा रहा है। बता दें कि हर वर्ष 26 जुलाई को कारगिल जंग (Kargil War) में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को सम्मानित करने और जंग में मिली जीत के उपलक्ष्य में ‘कारगिल विजय दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है। 26 जुलाई का ये दिन ‘ऑपरेशन विजय’ (Operation Vijay) की सफलता का प्रतीक माना जाता है।