नई दिल्ली. गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों की गतिविधियां तेज़ हो गई हैं, कुछ ही दिनों में यहाँ चुनाव होने वाले हैं, वहीं 8 दिसंबर को नतीजे आ जाएंगे. ऐसे में, हर पार्टी इस समय उम्मीदवारों पर मंथन कर रही है. आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवारों की 13 लिस्ट जारी कर दी है, […]
नई दिल्ली. गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों की गतिविधियां तेज़ हो गई हैं, कुछ ही दिनों में यहाँ चुनाव होने वाले हैं, वहीं 8 दिसंबर को नतीजे आ जाएंगे. ऐसे में, हर पार्टी इस समय उम्मीदवारों पर मंथन कर रही है. आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवारों की 13 लिस्ट जारी कर दी है, वहीं कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. इसी कड़ी में भाजपा में भी उम्मीदवारों के नाम पर मंथन चल रहा है.
ऐसे में, राजधानी दिल्ली में भाजपा की चुनाव समिति की बैठक शुरू हो चुकी है. इस बैठक में पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह समेत तमाम बड़े नेता और चुनाव समिति की टीम शामिल है. अभी एक ओर जहाँ भाजपा चुनाव समिति की बैठक चल रही है, वहीं दूसरी ओर गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है. विजय रुपाणी के अलावा नितिन पटेल ने भी चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है.
गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को चिट्ठी लिखकर चुनाव न लड़ने का आग्रह किया है, इसके साथ ही अब तक मिली जानकारी के मुताबिक विजय रुपाणी, नितिन पटेल और भूपेंद्र चुडासमा विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं, इसके साथ ही रुपाणी सरकार में मंत्री रहे सौरभ पटेल और प्रदीपसिंह जडेजा के भी चुनाव लड़ने की संभावना बहुत कम है, बता दें सौरभ पटेल, नरेंद्र मोदी सरकार और विजय रुपाणी सरकार में ऊर्जा मंत्री भी रह चुके हैं.
आम आदमी पार्टी इस समय सौराष्ट्र में डंटी हुई है, अपने सौराष्ट्र मिशन की शुरुआत केजरीवाल ने गुजरात में इसुदान गढ़वी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित करते हुए की. बता दें इसुदान भी सौराष्ट्र से ही आते हैं. हालांकि, सौराष्ट्र से ही एक और बड़े नेता इंद्रनील राजगुरु ने गढ़वी को सीएम उम्मीदवार बनाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ दिया और फिर एक बार कांग्रेस में वापसी कर ली, अब मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए गुजरात की राजनीति को करीब से देखने वालों का मानना है कि जिस तरह पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सौराष्ट्र में भाजपा के लिए चुनौती पेश की थी, उसमें ‘आप’ को अपने लिए भी उम्मीद नजर आ रही है, इसलिए आम आदमी पार्टी सौराष्ट्र में अपनी ख़ासा ताकत झोंक रही है.
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