Vijay Mallya Seized Assets Auction: विजय माल्या को एक और बढ़ा झटका लगा है. धन शोधन निरोधक अधिनियम अदालत ने बैंकों को जब्त संपत्ति नीलाम करने की अनुमति दे दी है. बैंक 2013 के बाद से देय 11.5 प्रतिशत प्रति वर्ष के ब्याज के साथ 6,203.35 करोड़ रुपये की संपत्ति का दावा करना चाहते हैं. पहले ही विजय माल्या को भगौड़ा करार दिया गया था और उसकी कई नामी संपत्ति जब्त कर ली गई थी. अब बैंक उस संपत्ति को नीलाम कर सकते हैं.
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सूत्रों ने बुधवार को बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) अदालत ने मुंबई में धन शोधन से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बैंकों को अनुमति दी है, जिन्होंने जब्त की गई संपत्ति की नीलामी के लिए भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को पैसा दिया था. अदालत ने कहा कि फैसला 18 जनवरी तक के लिए रोक दिया गया है, जब तक कि आदेश से प्रभावित पक्ष बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, जब्त संपत्ति में मुख्य रूप से वित्तीय प्रतिभूतियां शामिल हैं, जैसे कि शेयर.
पिछले साल फरवरी में, ईडी ने विशेष पीएमएलए अदालत को बताया था कि उसे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में बैंकों के एक संघ द्वारा जब्त संपत्ति के परिसमापन पर कोई आपत्ति नहीं है. 2013 के बाद से देय 11.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ ऋणदाता 6,203.35 करोड़ रुपये की संपत्ति का दावा करना चाहते हैं. एक विशेष पीएमएलए अदालत ने पिछले साल 5 जनवरी को माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था और निर्देश दिया था कि उसकी संपत्तियों को जब्त कर लिया जाए. वह मार्च 2016 में देश छोड़कर भाग गया था और तब से यूनाइटेड किंगडम में रह रहा है.
ED Sources:Prevention of Money Laundering Act Court in Mumbai allowed banks that lent money to Vijay Mallya to utilize seized assets. Court also said ruling has been stayed till January 18,until which all parties affected by the order can appeal to the Bombay High Court(file pic) pic.twitter.com/oMSrtR8K56
— ANI (@ANI) January 1, 2020
माल्या 9,000 करोड़ की राशि के धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के संबंध में भारत द्वारा लाई गई प्रत्यर्पण कार्यवाही में यूके हाईकोर्ट में अपील पर सुनवाई के बाद बेल पर है. उन्हें अप्रैल 2017 में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया था और तब से ब्रिटेन की अदालतों में उनके प्रत्यर्पण की लड़ाई चल रही है. उसे अपने प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी गई थी, जो फरवरी में लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में निर्धारित है. माल्या अब दोषपूर्ण किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड की स्थापना की, भारत के अपने देश के लिए प्रत्यर्पण का सामना कर रहा है.
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