Vijay Mallya Extradition to India: विजय माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है. जेटली ने इस फैसले को मोदी सरकार का एक और कदम बताया है. साथ ही अपने ट्वीट में अरुण जेटली ने विपक्षी दलों पर भी करारा निशाना साधा है.
नई दिल्ली. यूनाइटेड किंगडम (UK) ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को भारत के साथ प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है. सोमवार को यूनाइटेड किंगडम होम सेक्रेरटी ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण पत्र पर अपने हस्ताक्षर कर दिए. ब्रिटेन में माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी पर भारत में सियासत गर्मा गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने माल्या के प्रत्यर्पण को मोदी सरकार का एक और कदम बताया है.
अरुण जेटली ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मोदी सरकार ने माल्या के प्रत्यर्पण की ओर एक और कदम बढ़ाया, जबकि विपक्ष सारधा घोटाले के सर्मथन में रैली कर रही है. इस ट्वीट के जरिए जेटली ने मोदी सरकार की उपलब्धि का बखान करते हुए विपक्ष पर करारा निशाना साधा है. बताते चले कि देश इस समय पश्चिम बंगाल सरकार बनाम केंद्र सरकार का मुकाबला देख रहा है. जहां विपक्षी दलें सारधा चिटफंड घोटाले पर सीबीआई जांच को गलत ठहरा रही है.
Modi Government clears one more step to get Mallya extradited while Opposition rallies around the Saradha Scamsters.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 4, 2019
सारधा चिटफंड घोटाले में सीबीआई जांच के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर हैं. जहां उनका साथ दिखाने के लिए विपक्षी दलों के नेता पहुंच रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहूल गांधी ने भी ममता बनर्जी को साथ देते हुए ट्वीट किया था. बताते चले कि विजय माल्या पर भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ रुपये लेकर देश छाड़ने का आरोप है.
Vijay Mallya on UK Home Secy signs his extradition order: After decision was handed down on Dec 10,2018 by Westminster Magistrates Court, I stated my intention to appeal. I couldn't initiate appeal process before a decision by Home Secretary. Now I'll initiate the appeal process. pic.twitter.com/bpClMEg6l9
— ANI (@ANI) February 4, 2019
भारत का करोड़ो रुपया ब्रिटेन में शरण लेने वाले विजय माल्या को वापस लाने की कई कोशिश भारतीय एजेंसियों की ओर से की गई थी. लेकिन प्रत्यर्पण की मंजूरी नहीं मिलने के कारण माल्या को वापस लाया जाना संभव नहीं हो सका था. हालांकि ब्रिटेन सरकार के प्रत्यर्पण की मंजूरी के बाद विजय माल्या ने ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात कही हैं.