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Vijay Diwas 2023: 13 दिन का वो युद्ध, जब भारत ने किए पाकिस्तान के दो टुकड़े

नई दिल्ली: आज ही के दिन यानी 16 दिसंबर को साल 1971 में भारत ने पाकिस्तान को हराकर अपनी ताकत का लोहा मनवाया था। 13 दिन तक चले इस युद्ध के बाद आज के दिन पाकिस्तानी सेना ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था। यही कारण है कि भारत हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस (Vijay Diwas 2023) के रुप में मनाता है। जानकारी हो कि आज भारत के सात बांग्लादेश का जन्म दिवस भी है। भारत से पाकिस्तानी की इस करारी हार के बाद आज के ही दिन बांगलादेश का जन्म हुआ था।

13 दिन तक चला युद्ध

16 दिसंबर, 1971 (Vijay Diwas 2023) को ठीक 4 बजकर 55 मिनट पर पाकिस्तान पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने भारतीय पूर्वी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल जेएस अरोड़ा की उपस्थिति में समर्पण पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इस युद्ध में पाकिस्तान के करीब 93,000 सैनिकों ने भारतीय सैनिकों के सामने हथियार डाले थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह सेना का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था।

बांग्लादेश का हुआ जन्म

भारत ने इस युद्ध में सिर्फ 13 दिन में ही पाकिस्तान को हरा दिया था। इसी के साथ पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए और बांग्लादेश का जन्म हुआ। 1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद से ही पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ना शुरु हो गया था। यही तनाव 1971 की शुरुआत तक गृह युद्ध में बदल गया था।

पाकिस्तान का ऑपरेशन सर्चलाइट

25 मार्च को पाकिस्तान सेना ने पूर्व में सभी राजनीतिक विरोध को कुचलने के उद्देश्य से ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया। इसमें बंगाली राष्ट्रवादियों के साथ-साथ, ऑपरेशन ने बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और बंगाली हिंदुओं को भी निशाना बनाया। पाकिस्तानी सेना द्वारा चलाए गए इस ऑपरेशन में 300,000 से 30 मिलियन के बीच बंगाली मारे गए। इसके साथ ही करीब 10 मिलियन शरणार्थी भारत भाग आए।

मुक्ति वाहिनी सेना का गठन

इस हत्याकांड के बाद पाकिस्तान में जन्म हुआ मुक्ति वाहिनी सेना का, जिसने पाकिस्तानी सेना से युद्ध कर बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद कराया। भारत ने भी मुक्त वाहिनी सेना को हथियार और प्रशिक्षण देकर इस प्रतिरोध आंदोलन का समर्थन करने का निर्णय लिया। इसी के साथ भारत-पाकिस्तान के 1971 के युद्ध का बीजारोपण हो गया।

3 दिसंबर को युद्ध का आगाज हुआ

भारत और पाकिस्तान का यह युद्ध 3 दिसंबर को शुरु हुआ जब पाकिस्तान ने आठ भारतीय हवाई क्षेत्रों पर पूर्व-हवाई हमले करने का फैसला किया। उस वक्त इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं। उन्होंने 3 दिसंबर की शाम आकाशवाणी पर घोषणा की कि पाकिस्तान द्वारा भारत पर हुए ये हवाई हमले भारत के खिलाफ युद्ध की घोषणा थे।

यह भी पढ़ें: India’s First Parliament: इस तांत्रिक विश्वविद्यालय के आधार पर बना था देश का पहला संसद भवन

Manisha Singh

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