नई दिल्ली. वीडियोकॉन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक द्वारा दिए गए लोन में भ्रष्टाचार को लेकर व्हिसलब्लोअर और इंडियन इंवेस्टर प्रोटेक्शन कॉउंसिल के ट्रस्टी अरविंद गुप्ता ने कहा है कि इस पूरे मामले में सबूतों से साफ है कि बैंक की सीईओ चंदा कोचर को काफी लाभ हुआ है. उन्होंने कहा है कि सरकार को जांच करानी चाहिए कि एक डूब रही कंपनी को आखिर लोन क्यों दिया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि इस लोन के पास किए जाने से चंदा कोचर के पति दीपको अप्रत्यक्ष लाभ हुआ है.
गौरतलब है कि हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से खबर आई थी कि आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन को दिए गए लोन में भ्रष्टाचार हुआ. जिसमें कहा गया कि साल 2008 के दिसंबर में वीडियोकॉन ग्रुप के मालिक वेणुगोपाल धूत दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों ने मिलकर एक नई कंपनी खोली. 65 करोड़ की ये कंपनी को 64 करोड़ का लोन दिलाया गया और फिर इस कंपनी को मात्र 9 लाख रुपये में दीपक कोचर के ट्रस्ट को बेच दिया गया. आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन मिलने के 6 महीने बात वेणुगोपाल धूत ने दीपक को इस नई कंपनी का ट्रांसफर दे दिया.
हालांकि बात में ये खबरें भी आईं थीं कि दीपक कोचर ने वीडियोकॉन के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को आईसीआसीआ बैंक से नियमों की अनदेखी कर लोन दिया था जिसके बदले धूत ने दीपक कोचर की कंपनी में करोड़ों का निवेश किया था. बता दें कि इस पूरे मामले में आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी सीईओ चंदा कोचर का बचाव करते हुए कहा था कि वीडियोकॉन को 3250 करोड रुपये के लोन की मंजूरी कंसोर्टियम ऑफ लेंडर्स के पार्ट के तौर पर दी गई थी.
वीडियोकॉन-ICICI केसः CBI ने कसा शिकंजा, चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के खिलाफ मामला दर्ज
वीडियोकॉन मामले में ICICI बैंक बोर्ड ने MD चंदा कोचर को दी क्लीन चिट
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