Videocon Bankruptcy: वीडियोकॉन क्यों हो रहा है दिवालिया, जानें पूरा मामला

Videocon Bankruptcy: देश की बड़ी कंपनियों में से एक वीडियोकॉन दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है. वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के मुताबिक उनकी कंपनी पर 90 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. इसमें सबसे ज्यादा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) फिर आईसीआईसीआई, आईडीबीआई और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया समेत कुल 54 बैंक और कर्जदाताओं का लोन शामिल है. आइए जानते हैं कि क्यों यह कंपनी दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है.

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Videocon Bankruptcy: वीडियोकॉन क्यों हो रहा है दिवालिया, जानें पूरा मामला

Aanchal Pandey

  • April 6, 2019 3:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. देश की बड़ी कंपनी वीडियोकॉन दिवालिया घोषित होने के कगार पर पहुंच गई है. वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के मुताबिक उनकी कंपनी पर 90 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. वीडियोकॉन का सबसे ज्यादा कर्जा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) से है. पिछले साल एसबीआई ने वीडियोकॉन के कर्ज नहीं लौटाने पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में शिकायत की थी. इसके बाद कई बैंकों ने दिवालिया कोर्ट और एनसीएलटी में याचिका दायर की. इन याचिकाओ में एनसीएलटी ने 57 हजार करोड़ रुपये के मामलों को स्वीकार कर लिया है. वीडियोकॉन ने 34 बैंक समेत 54 कर्जदाताओं से लोन ले रखा है. अब स्थिति ऐसी आ गई है कि कंपनी अपने कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं है और खुद को दिवालिया घोषित करने की कगार पर पहुंच गई है.

क्या है वीडियोकॉन-

वीडियोकॉन की स्थापना 40 साल पहले वेणुगोपाल धूत ने की थी. इस ग्रुप का हेडक्वार्टर मुंबई में है. वीडियोकॉन ग्रुप में वीडियोकॉन टेलीकम्यूनिकेशन लिमिटेड (वीटीएल), वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड, वीडियोकॉन ग्लोबल एनर्जी हॉल्डिंग्स लिमिटेड, वीडियोकॉन एनर्जी रिसोर्स लिमिटेड जैसी कंपनियां हैं. वीडियोकॉन का कारोबार भारत समेत चीन, इटली, मेक्सिको, पॉलैंड जैसे देशों में फैला हुआ है. वीडियोकॉन टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, मोबाइल फोन, डीटीएच जैसे प्रोडक्ट का उत्पादन और बिक्री करती है.

क्यों दिवालिया होने जा रहा है वीडियोकॉन-

इस ग्रुप की दो कंपनियां वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) और वीडियोकॉन टेलीकम्यूनिकेशन लिमिटेड (वीटीएल) पर सबसे ज्यादा कर्ज है. इन दोनों कंपनियों पर करीब 66 हजार करोड़ रुपये का कर्जा है, इसमें सबसे ज्यादा एसबीआई का बकाया है. एसबीआई का वीआईएल और वीटीएल पर करीब 15 हजार 700 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का बकाया है.

इसके अलावा दोनों कंपनियों पर आईसीसीआई बैंक का भी करीब 13 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का करीब 4,500 करोड़ रुपये का उधार है. इसके साथ ही कंपनी ने कुल 54 बैंक और अन्य कर्जदाताओं से लोन ले रखा है, जो अब नहीं चुकाए जाने के बाद डिफॉल्ट की श्रेणी में आ गया है.

बैंक लोन के अलावा इन दोनों कंपनियों ने अपने 700 से ज्यादा सप्लायर्स का पैसा भी नहीं चुकाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सप्लायर्स का वीआईएल पर करीब 3,112 करोड़ रुपये और वीटीएल पर करीब 1267 करोड़ रुपया उधार है.

वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई लोन केस-

वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आईसीआईसीआई बैंक ने केस भी कर रखा है. यह मामला 2008 का है और सीबीआई इस केस की जांच कर रही है. इस मामले में सीबीआई का कहना है कि वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने आईसीआईसीआई बैंक की तत्कालीन सीईओ और एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई थी. जिसमें दोनों के बीच 3250 करोड़ रुपये की डील हुई थी. इसे ‘स्वीट डील’ कहा गया.

चंदा कोचर पर इस कंपनी को 3250 करोड़ रुपये का लोन दिलवाने में मदद करने का आरोप है. इस लोन का 86 प्रतिशत यानी लगभग 2810 करोड़ रुपये 2017 में बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया. वहीं दूसरी ओर वेणुगोपाल धूत कर्ज की रकम नहीं चुका पाए, जिस कारण उन्हें बैंकों ने डिफॉल्टर घोषित कर दिया.

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