Advertisement

PM Modi: PM मोदी सुबह-सुबह पहुंचे असम के काजीरंगा नेशनल पार्क, हाथी पर बैठकर की जंगल सफारी

गुवाहाटी: प्रधानमंत्री मोदी ने आज असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने काजीरंगा नेशनल पार्क में हाथियों की सवारी भी की. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले पार्क के सेंट्रल कोहोरा रेंज के मिहिमुख क्षेत्र में हाथी की सवारी की। इसके बाद उन्होंने उसी क्षेत्र में जीप की […]

Advertisement
PM Modi: PM मोदी सुबह-सुबह पहुंचे असम के काजीरंगा नेशनल पार्क, हाथी पर बैठकर की जंगल सफारी
  • March 9, 2024 8:52 am Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

गुवाहाटी: प्रधानमंत्री मोदी ने आज असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने काजीरंगा नेशनल पार्क में हाथियों की सवारी भी की. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले पार्क के सेंट्रल कोहोरा रेंज के मिहिमुख क्षेत्र में हाथी की सवारी की। इसके बाद उन्होंने उसी क्षेत्र में जीप की सवारी का आनंद लिया।

हाथी पर बैठकर की जंगल सफारी

अधिकारी ने जानकारी दी की प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले पार्क के सेंट्रल कोहोरा रेंज के मिहिमुख क्षेत्र में हाथी की सवारी की। इसके बाद उन्होंने उसी इलाके में जीप की सवारी भी की. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय असम दौरे के दौरान करीब 18,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे.

अरुणाचल में सेला सुरंग का करेंगे उद्घाटन

इसके अलावा वह पीएम मोदी प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत बने 5.5 लाख से अधिक घरों का उद्घाटन समारोह भी करेंगे। वह 9 मार्च यानी की आज दोपहर में अरुणाचल प्रदेश के लिए रवाना होंगे. तवांग में वह 825 करोड़ रुपये की लागत से बनी सेला सुरंग का उद्घाटन करेंगे।

लाचित बोरफुकन की प्रतिमा का PM करेंगे उद्घाटन

यह सुरंग अरुणाचल के तवांग को असम के तेजपुर से जोड़ती है। दोपहर 1:30 बजे प्रधानमंत्री जोरहाट के होलोंगा पाथर में प्रसिद्ध अहोम योद्धा लाचित बोरफुकन की 84 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे। यह संरचना स्टैच्यू आफ वेलोर के रूप में जानी जाएगी। प्रधानमंत्री जब असम पहुंचे तो विभिन्न छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों ने नगांव जिले के कलियाबोर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यूओएफए, अखिल असम छात्र संघ और 30 अन्य संगठनों ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। सीएए में ऐसे प्रावधान हैं जो 31 दिसंबर 2014 तक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करते हैं।

हिमंता ने कहा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सीएए का विरोध करने वाले लोगों से आंदोलन करने के बजाय अपनी शिकायतों के निवारण के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का अनुरोध किया है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बोला था कि सीएए लोकसभा चुनाव से पहले अधिसूचित और लागू किया जाएगा।

Innovation: देश को मिल गई पहली AI टीचर, तीन भाषाओं में कर सकती है बात; जानें डिटेल

Advertisement