नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा है. बीते शुक्रवार उपराष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) अधिनियम को रद्द किए जाने को लेकर संसद में ‘कोई चर्चा’ ना होने को बेहद गंभीर मसला बताया है. साथ ही धनखड़ ने कहा कि दुनिया को ऐसे किसी कदम के बारे में जानकारी नहीं है.
संविधान के प्रावधानों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘जब कानून से संबंधित कोई बड़ा सवाल शामिल होता है तो अदालतें भी इस विषय पर गौर फरमा सकती हैं.’ उन्होंने आगे कहा- लोगों की इच्छा को जताने वाला संसद द्वारा पारित एक कानून सुप्रीम कोर्ट ने ‘‘रद्द” कर दिया और इस बारे में दुनिया को जानकारी तक नहीं है. एल एम सिंघवी स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने ये बयान दिया. उपराष्ट्रपति धनखड़ आगे कहते हैं कि संविधान की प्रस्तावना में ‘‘हम भारत के लोग” का उल्लेख है और संसद लोगों की इच्छा को दर्शाती है. इसका साफ़ अर्थ ये है कि असल शक्ति लोगों में, उनके जनादेश और उनके विवेक में बसती है.
साल 2015-16 में एनजेएसी अधिनियम को संसद में पारित कर दिया गया. उपराष्ट्रपति ने आगे बताया- “हम भारत के लोग-उनकी इच्छा को संवैधानिक प्रावधान में बदल दिया गया. जनता की शक्ति, जो एक वैध मंच के माध्यम से व्यक्त की गई थी, उसे खत्म कर दिया गया. दुनिया ऐसे किसी कदम के बारे में नहीं जानती.” गौरतलब है कि उस दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ भी उपस्थित थे. बता दें, जगदीप धनखड़ इसी वर्ष देश के उपराष्ट्रपति नियुक्त किए गए हैं.
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