नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के बाद एनडीए ने अब उपराष्ट्रपति चुनावों के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद शनिवार को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर लगी मोहर. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ देश की सत्ताधारी NDA की ओर से उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले […]
नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के बाद एनडीए ने अब उपराष्ट्रपति चुनावों के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद शनिवार को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर लगी मोहर. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ देश की सत्ताधारी NDA की ओर से उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले हैं.
फिलहाल यह तय माना जा रहा है कि बीजेपी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ बड़ी ही आसानी से चुनाव जीत सकते हैं. ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं. वर्तमान में 780 सदस्य संसद में मौजूद हैं, जिसमें से उपराष्ट्रपति बनने के लिए 390 से अधिक मतों की जरूरत होती है. इनमें बीजेपी के पास 394 सांसद हैं.
बता दें कि यदि आगामी उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ जीत जाते हैं तो वह देश के उपराष्ट्रपति बनने वाले पांचवें राज्यपाल होंगे. दरअसल जगदीप धनखड़ से पहले कुल चार राज्यपालों को देश के उपराष्ट्रपति बन हुए है. आइए उपराष्ट्रपति पद पर रह चुके इन राज्यपालों के बारे में जानते हैं.
देश में राज्यपाल की सेवा प्रदान करने के बाद उपराष्ट्रपति चुने जाने वालों में पहला नाम डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन का आता है. डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही भारत की तीसरे और प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति भी थे. वह 13 मई 1962 को देश के दूसरे उपराष्ट्रपति चुने गए थे. इससे पहले डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन को साल 1957 में बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया था.
वहीं, वीवी गिरी के बाद 31 अगस्त 1969 से 30 अगस्त 1974 तक भारत के चौथे उपराष्ट्रपति के रूप में गोपाल स्वरूप पाठक को चुना गया था. बता दें कि उन्होंने 13 मई 1967 से 31 अगस्त 1969 तक कर्नाटक के राज्यपाल पद को संभाला. उत्तर प्रदेश के बरेली में जन्म लेने वाले गोपाल स्वरूप पाठक ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की थी. जिसके बाद वह 1945-46 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश बने. 1960-66 के दौरान वह राज्यसभा सदस्य चुने गए.
बता दें कि डॉ शंकरदयाल शर्मा भारत के राष्ट्रपति के तौर पर चुने गए थे. लेकिन उससे पहले वह भारत के आठवें उपराष्ट्रपति भी रह चुके थे. डॉ शंकरदयाल शर्मा ने इससे पहले भोपाल के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे. फिलहाल उपराष्ट्रपति बनने से पहले वह 29 अगस्त 1984 से 26 नवंबर 1985 के दौरान आंध्र प्रदेश, 26 नवंबर 1985 से 2 अप्रैल 1986 तक पंजाब के राज्यपाल और 3 अप्रैल 1986 से 2 सितंबर 1987 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल पद पर कार्यरत रहे चुके थे.
कृष्ण कान्त 7 फरवरी 1990 से 21 अगस्त 1997 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल और 22 दिसंबर 1996 से 25 जनवरी 1997 तक तमिलनाडु के राज्यपाल पद पर काबिज रहने वाले कृष्ण कान्त (Krishna Kant)को 21 अगस्त 1997 में भारत (India) का 10 वां उपराष्ट्रपति (Vice President) चुना गया था.
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