Vice-President Election 2022: रांची। देश में अब राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी सगर्मियां बढ़ गई है। इसी बीच दो राजनीतिक दलों ने अपने रूख को साफ कर दिया है। जहां उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रभाव रखने वाली बहुजन समाजवादी पार्टी ने एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को समर्थन दिया है, वहीं झारखंड […]
रांची। देश में अब राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी सगर्मियां बढ़ गई है। इसी बीच दो राजनीतिक दलों ने अपने रूख को साफ कर दिया है। जहां उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रभाव रखने वाली बहुजन समाजवादी पार्टी ने एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को समर्थन दिया है, वहीं झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है।
उपराष्ट्रति चुनाव को लेकर आज झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन द्वारा पार्टी के सांसदो के नाम एक चिट्ठी जारी की है। जिसमें लिखा गया है कि आगामी उपराष्ट्रति चुनाव में मार्गेट अल्वा के पक्ष में मतदान करें। बता दें कि जेएमएम के पास लोकसभा और राज्यसभा में एक-एक सदस्य है।
उपराष्ट्रपति चुनाव में समर्थन को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि सर्वविदित है कि देश के सर्वाेच्च राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में सत्ता व विपक्ष के बीच आम सहमति ना बनने की वजह से ही इसके लिए फिर अन्ततः चुनाव हुआ। अब ठीक वही स्थिति बनने के कारण उपराष्ट्रपति पद के लिए भी दिनांक 6 अगस्त को चुनाव होने जा रहा है।
बीएसपी ने ऐसे में उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में भी व्यापक जनहित व अपनी मूवमेन्ट को भी ध्यान में रखकर श्री जगदीप धनखड़ को अपना समर्थन देने का फैसला किया है तथा जिसकी मैं आज औपचारिक रूप से घोषणा भी कर रही हूँ।
बता दें कि इससे पहले बसपा ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया था। बसपा के 10 लोकसभा सदस्यों ने चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया था। एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने के फैसलो को लेकर बसपा का कहना है कि उन्होंने बिना सत्ता-पक्ष और विपक्ष के दबाव में आकर ये फैसला लिया है।