नई दिल्ली: दिल्ली में गुरुवार को एक बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित प्रोग्राम में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारत की न्यायपालिका निष्पक्ष और स्वतंत्र है। लेकिन फिर भी दुनिया के लोग भारत को उसकी न्यायिक व्यवस्था पर लेक्चर देने की कोशिश कर रहे हैं। धनखड़ की यह टिप्पणी मुख्यमंत्री केजरीवाल […]
नई दिल्ली: दिल्ली में गुरुवार को एक बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित प्रोग्राम में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारत की न्यायपालिका निष्पक्ष और स्वतंत्र है। लेकिन फिर भी दुनिया के लोग भारत को उसकी न्यायिक व्यवस्था पर लेक्चर देने की कोशिश कर रहे हैं। धनखड़ की यह टिप्पणी मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका और जर्मनी की टिप्पणी के बाद आई है।
एक बार एसोसिएशन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारत की न्यायपालिका निष्पक्ष, स्वतंत्र और तत्पर है। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे लोग हैं जो हमें लोकतंत्र पर लेक्चर देना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर भी एक कहानी बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होने कहा कि जमीनी हकीकत से दूर कुछ देश भारत जैसे लोकतांत्रिक और संप्रभु देश को लेक्चर देने की कोशिश कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि यह भेदभावपूर्ण है। हम उनकी इस अज्ञानता का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा, नागरिकता संशोधन कानून भारत के पड़ोसी देशों में धार्मिक वजह से सताए गए लोगों को राहत देने के लिए है। उन्होंने कहा कि इस कानून से किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी।
भारत ने बुधवार को एक सीनियर अमेरिकी डिप्लोमेट को तलब किया और केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका की टिप्पणी को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया। इससे पहले भारत ने 23 मार्च को जर्मनी के दूतावास को तलब किया था और केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी के विदेश मंत्रालय की टिप्पणी पर विरोध दर्ज कराया था।
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