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दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश: राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और राज्यपाल की गाड़ियों पर भी लगानी होगी नंबर प्लेट

गैर सरकारी संगठन न्यायभूमि की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और उपराज्यपाल की गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने कहा कि रोड़ पर चलने वाली हर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. साथ ही नंबर प्लेट भी होनी चाहिए.

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All vehicles playing on the streets should be registered says delhi HC
  • July 18, 2018 7:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. भारत में उच्च संवैधानिक पदों जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल व उपराज्यपाल की गाड़ियां अब बगैर नंबर प्लेट के दौड़ती नजर नहीं आएंगी. दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे पदाधिकारियों की गाड़ी का रजिस्ट्रेशन और नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया है. जल्दी ही राष्ट्रपति सहित अन्य सभी पदाधिकारियों की गाड़ियों पर नंबर प्लेट लगी नजर आ सकती है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पदाधिकारियों की गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कराया जाए. साथ ही सारी गाड़ियों पर अनिवार्य तौर पर स्पष्ट रूप से रजिस्ट्रेशन नंबर प्रदर्शित किया जाए. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा गया था कि उच्च संवैधानिक पदाधिकारियों, जिनकी गाड़ी पर राजकीय प्रतीक होता है उनका पंजीकरण कराया जाए.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इन पदाधिकारियों की सुरक्षा की दृष्टि से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने के लिए पत्र लिखा था. एक गैर सरकारी संगठन न्यायभूमि ने भी इस संबंध में याचिका दायर की थी. गैर सरकारी संगठन न्यायभूमि ने याचिका में दावा था कि रजिस्ट्रेशन नंबर की जगह राजकीय प्रतीक लगी गाड़ियों पर सहज ही सबका ध्यान चला जाता है. इस कारण ऐसी गाड़ियों को आतंकवादी और गलत इरादे रखने वाला कोई भी आराम से निशाना बना सकता है. ऐसे में इन गाड़ियों पर भी रजिस्ट्रेशन नंबर लगाना अनिवार्य करना चाहिए.

बता दें कि अभी तक राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, राज्यपाल, उप राज्यपाल जैसे उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की गाड़ियों पर रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं होता. रजिस्ट्रेशन नंबर के बजाय इन पर चार सिंह वाला राजकीय प्रतीक होता है. इसे देखकर आसानी से गाड़ी में बैठे आदमी के पद का पता चल जाता है. ऐसे में कोर्ट ने इस मामले में कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन के किसी भी वाहन को चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

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