वंदे भारत ट्रेन: सरकार द्वारा स्लीपर ट्रेन की बड़ी घोषणा, वंदे भारत ट्रेन में लेटकर यात्रा कर सकेंगे यात्री

नई दिल्ली: सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि भारतीय रेल विभाग जून 2025 तक वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण शुरू हो जाएगा. बताया गया है कि वर्ष 2025 के अंत तक या 2026 की शुरुवात में स्लीपर ट्रेन को पटरी पर उतार दिया जाएगा. वंदे भारत ट्रेन पर बड़ा फैसला आधुनिकता दर्शाती हुई […]

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वंदे भारत ट्रेन: सरकार द्वारा स्लीपर ट्रेन की बड़ी घोषणा, वंदे भारत ट्रेन में लेटकर यात्रा कर सकेंगे यात्री

Nikhil Sharma

  • July 26, 2023 11:09 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि भारतीय रेल विभाग जून 2025 तक वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण शुरू हो जाएगा. बताया गया है कि वर्ष 2025 के अंत तक या 2026 की शुरुवात में स्लीपर ट्रेन को पटरी पर उतार दिया जाएगा.

वंदे भारत ट्रेन पर बड़ा फैसला

आधुनिकता दर्शाती हुई वंदे भारत ट्रेन का सफर अब और भी आसान होने जा रहा है. वर्तमान में इस ट्रेन में केवल बैठ कर सफर किया जा सकता है. हर किसी व्यक्ति के लिए 8 से 10 घंटे का सफर बैठ कर करना आसान नहीं होता, इसी विषय को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा यही बड़ा फैसला लिया जा रहा है. भारतीय रेल विभाग वंदे भारत ट्रेन को स्लीपर ट्रैन का नया रूप देकर पटरी पर उतारने की तैयारी में जुटा हुआ है. जानकारी के अनुसार जून 2025 तक वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण शुरू हो जाएगा. बताया गया है कि वर्ष 2025 के अंत तक या 2026 की शुरु वात में स्लीपर ट्रेन को पटरी पर उतार दिया जाएगा.

80 वंदे भारत तैयार करेगा टीटागढ़ रेल सिस्टम

टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल) द्वारा जून 2025, उत्तरपाड़ा संयंत्र में वंदे भारत की स्लीपर कोच से सजी ट्रेनों का वाणिज्यिक निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. अधिकारियों से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार वंदे भारत शयनयान कोच समेत ट्रेन के 80 सेट बनाने का कार्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम बीएचईएल के सहित गठजोड़ को सौंपा गया है.

24000 करोड़ का प्रोजेक्ट

ट्रेन के 50-55 कलपुर्जों के उत्पादन का कार्य बंगाल में किया जाएगा. निम्न गढजोड़ में टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड की कुल 50-55 प्रतिशत हिस्सेदारी है. गठजोड़ को भारतीय रेलवे द्वारा 24,000 करोड़ का ठेका सौंपा गया है, जिसमें टीआरएसएल की 12,716 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी है.

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