Uttrakhand Glacier Brust उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से हुई भीषण तबाही में अब तक 34 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी हैं. वहीं 170 लोग अभी भी लापता हैं. राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है. लापता लोगों की तलाश की जा रही है.
Uttrakhand Glacier Brust: ऋषिगंगा में आए जल प्रलय ने34 लोगों की जिंदगी समाप्त कर दी है. अभी यह आंकड़ा और बढ़ने की आशंका हैक्योंकि भी 170 लोगों का पता नहीं चल सका है. वह इस आपदा केबाद से लापता हैं. इसके अलावा तपोवन जल विद्युत परियोजना की निमार्णाधीन सुरंग में भी तीन इंजीनियर और 32 अन्य लोगोंकेफंसे होनेकी संभावना है. जिन्हें निकालने का प्रयास लगातार जारी हैहालांकि जल प्रलय केकारण सुरंग में मलबा भर गया है जो बचाव दल के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है.
इस आपदा के बाद 34 शवों को बरामद किया गया है जिसमें अब तक नौ की शिनाख्त कर ली गई है. 12 मानव अंग क्षत-विक्षत हालत में मिले हैं. यहां राहत साम्रगी का वितरण हेलीकॉप्टर से किया जा रहा है. आईटीवीपी के जवान चमोली में तपोवन सुरंग के अंदर बचाव का कार्यकर रहे हैं. आईटीबीपी की डीआईजी अपर्णा कुमार नेबताया कि संभावना है कि सुरंग के अंदर कुछ और लोगों फंसे हों.
एनटीपीसी की टीम वर्टिकल ड्रिलिंग कर रही है. आईटीबीपी के जवान उत्तराखंड में आई इस आपदा के बाद चमोली जिले में कटे हुए गांवों मेंजोड़ने के लिए झूला पुल का निर्माण कर रहे हैं. जिसके माध्यम से गांववालों तक राहत सामग्री वि तरित की जाएगी. चमोली आपदा में बचाव अभियान के दौरान बरामद हो रहे शवों को शिनाख्त के लिए 72 घंटे के स्थान पर 96 घंटे सुरक्षित रखा जाएगा. दूसरे राज्यों के परिजन होने के कारण राज्य सरकार ने पहचानके लिए एक दिन बढ़ाया है. मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इसकी पुष्टि की है.
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